इस बड़े मुस्लिम मुल्क से भिड़ गया चीन, साउथ चाइना-सी में फंसा मामला, पाकिस्तान का दोस्त है यह देश

    चीन ने पाकिस्तान के दोस्त मलेशिया पर दक्षिण चीन सागर में किए जा रहे प्रोजेक्ट्स के काम पर अपना ऐतराज जताया। इस पर मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम का कहना है कि चीन सागर के के एक इलाके में मलेशियाई सरकारी एनर्जी फर्म पेट्रोनास की गतिविधियों पर चीन ने आपत्ति जताई है।

    South China Sea Dispute: दक्षिण चीन सागर में चाइना की दादागिरी जगजाहिर है। अब चीन बड़े मुस्लिम मुल्क मलेशिया से भिड़ गया है। दक्षिण चीन सागर में मलेशियाई एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर चीन ने आपत्ति जताई है। इस पर दक्षिण पूर्वी एशियाई मुस्लिम देश ने भी कहा है कि वह साउथ चाइना सी में चीनी दखल के विरोध में अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। चीन ने पाकिस्तान के दोस्त मलेशिया पर दक्षिण चीन सागर में किए जा रहे प्रोजेक्ट्स के काम पर अपना ऐतराज जताया। इस पर मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम का कहना है कि चीन सागर के के एक इलाके में मलेशियाई सरकारी एनर्जी  फर्म पेट्रोनास की गतिविधियों पर चीन ने आपत्ति जताई है। जबकि यह प्रोजेक्ट खुद मलेशिया की भौगोलिक सीमा में ही हो रहे हैं।

    हालांकि मलेशियाई पीएम ने कहा कि वह दक्षिण चीन सागर में चीन से कोई टकराव नहीं चाहता है। इस बारे में बैठकर आपसी बातचीत से हल निकाला जा सकता है और हम इसके लिए तैयार हैं। चीन के रूख कि हालांकि मलेशिया ने आलोचना भी की है। मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मलेशिया के पीएम अनवर की टिप्पणी का अर्थ यह है कि दक्षिण चीन सागर से जुड़े मसलों पर शांतिपूर्ण तरीके से संप्रभुता से समझौता किए बिना हल निकालना है।

    दरअसल, चीन दक्षिण एशिया में अपनी दादागिरी करता है। इस कारण वियतनाम, मलेशिया, फिलिपींस जैसे कई दक्षिण चीन सागर के देश चीन की दादागिरी का विरोध करते हैं। दक्षिण चीन सागर पर चीन के अलावा मलेशिया, ब्रुनेई, फिलीपींस, ताइवान, वियतनाम जैसे देश भी अपने अपने हिस्से का दावा जताते हैं।

    अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फैसला भी नहीं मानता चीन

    वर्ष 2016 में आए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के एक फैसले को मानने से इन्कार कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने दक्षिण चीन सागर पर सिर्फ चीन के अधिकार को नहीं माना। उसने सागर के एक हिस्से पर फिलीपींस के दावे की पुष्टि की थी। चीन तो मामले की सुनवाई से भी दूर रहा था। चीन का कहना रहा है कि उसकी सेनाएं देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार हैं। दक्षिण चीन सागर पर अधिकार को लेकर पिछले कई वर्षों से विवाद की स्थिति बनी हुई है।

    दरअसल, चीन का दावा है कि दक्षिणी चीन सागर से उसका ताल्लुक़ करीब 2000 हजार साल पुराना है। दावे के अनुसार दक्षिणी चीन सागर में स्थित द्वीपों की खोज चीन के समुद्री मुसाफ़िरों नागरिकों और मछुआरों ने ही की थी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, पूरे दक्षिणी चीन सागर पर जापान का कब्जा था, लेकिन विश्व युद्ध के खात्मे के फौरन बाद चीन ने इस पर अपना अधिकार जताया था। 70 के दशक में दक्षिणी चीन सागर में तेल और गैस के बड़े भंडारों का पता चला। तब भी चीन ने पूरे इलाके पर अपना अधिकार दोहराया

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here