कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छह बार के विधायक सुरेश राउत्रे ने गुरुवार को चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बेटे मन्मथ राउत्रे ओडिशा की जटानी विधानसभा सीट से अगला चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस के वफादार कार्यकर्ता रहे राउत्रे, पार्टी बदने का न था इरादा
संजय राउत्रे ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “मैं अब चुनाव नहीं लड़ूंगा। हालांकि, मेरे सबसे छोटे बेटे मन्मथ राउत्रे कांग्रेस के टिकट पर जटानी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।” एक सवाल के जवाब में 80 वर्षीय राउत्रे ने कहा कि वह पिछले 55 साल से कांग्रेस के वफादार कार्यकर्ता थे और उनका भविष्य में पार्टी बदलने का कोई इरादा नहीं था।
संजय राउत्रे ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “मैं अब चुनाव नहीं लड़ूंगा। हालांकि, मेरे सबसे छोटे बेटे मन्मथ राउत्रे कांग्रेस के टिकट पर जटानी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।” एक सवाल के जवाब में 80 वर्षीय राउत्रे ने कहा कि वह पिछले 55 साल से कांग्रेस के वफादार कार्यकर्ता थे और उनका भविष्य में पार्टी बदलने का कोई इरादा नहीं था।
कभी निजी लाभ के लिए नहीं किया पार्टी का इस्तेमाल: संजय राउत्रे
उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही पार्टी के प्रति अपनी वफादारी साबित कर दी है और 55 साल तक पार्टी की सेवा की है और कभी भी अपने निजी लाभ के लिए पार्टी का इस्तेमाल नहीं किया। मैं पार्टी के लिए ईमानदारी से काम कर बेहद संतुष्ट हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा, भले ही मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा।”
उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही पार्टी के प्रति अपनी वफादारी साबित कर दी है और 55 साल तक पार्टी की सेवा की है और कभी भी अपने निजी लाभ के लिए पार्टी का इस्तेमाल नहीं किया। मैं पार्टी के लिए ईमानदारी से काम कर बेहद संतुष्ट हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा, भले ही मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा।”
मुख्यमंत्री पटनायक से मुलाकात बाद शुरू हो गईं थीं अटकलें
बीजद अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात के कुछ दिन बाद राउत्रे की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि उनके बेटे मन्मथ क्षेत्रीय पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, राउत्रे ने इन अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी।
बीजद अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात के कुछ दिन बाद राउत्रे की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि उनके बेटे मन्मथ क्षेत्रीय पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, राउत्रे ने इन अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी।
सिद्धार्थ राउत्रे ने पिछले साल फतह किया था माउंट एवरेस्ट
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “मेरे बेटे सिद्धार्थ ने ऊंचाई वाली चोटियों पर चढ़कर राज्य का नाम रोशन किया है। मैं अपने बेटे की सफलता की कहानी साझा करने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने गया था। मुख्यमंत्री और 5टी सचिव (वीके पांडियन) दोनों मेरे बेटे की सफलता के बारे में जानकर खुश थे।” सिद्धार्थ राउत्रे ने पिछले साल माउंट एवरेस्ट फतह किया था। उन्होंने साफ किया कि बैठक में मुख्यमंत्री के साथ उनकी कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “मेरे बेटे सिद्धार्थ ने ऊंचाई वाली चोटियों पर चढ़कर राज्य का नाम रोशन किया है। मैं अपने बेटे की सफलता की कहानी साझा करने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने गया था। मुख्यमंत्री और 5टी सचिव (वीके पांडियन) दोनों मेरे बेटे की सफलता के बारे में जानकर खुश थे।” सिद्धार्थ राउत्रे ने पिछले साल माउंट एवरेस्ट फतह किया था। उन्होंने साफ किया कि बैठक में मुख्यमंत्री के साथ उनकी कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
1977 में जनता पार्टी के टिकट पर जीती थी जटानी सीट
पूर्व मुख्यमंत्री हरेकृष्णा मोहताब को अपना राजनीतिक गुरु मानने वाले और पूर्व मुख्यमंत्री जेबी पटनायक के अनुयायी दिग्गज नेता जटानी निर्वाचन क्षेत्र से छह बार ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए थे। 1977 में उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर यह सीट जीती। बाद में, उन्होंने कांग्रेस से 1980,