केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्निपथ योजना की वजह से हुई देरी के लिए प्रक्रिया में बदलाव व कोविड को कारण बताया। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने जून, 2021 में ही सभी भर्तियां नहीं रोकीं, बल्कि कुछ मामलों में यह अगस्त, 2021 और 2022 के शुरुआती महीनों में भी जारी रही। जिन चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी हो चुकी थी, उन्हें ढाई वर्ष इंतजार कराया गया। इस पर हाईकोर्ट ने पूछा, जो अभ्यर्थी परीक्षा में पास हुए, वे इंतजार कर रहे हैं। उनकी प्रक्रिया पूरी क्यों नहीं की गई? इसका जवाब कैसे देंगे?
केंद्र सरकार की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि जून 2011 में उच्च स्तर पर प्रक्रिया में बदलाव का निर्णय हुआ था। उसी समय से सरकार बड़े बदलाव चाहती थी। वहीं, नौसेना अपनी भर्ती प्रक्रिया रोक नहीं सकती, क्योंकि इससे उसकी कार्य क्षमता और युद्ध के लिए तैयार रहने पर असर पड़ सकता है। नौसेना और बाकी रक्षा बलों में फर्क है। उसने भर्ती में बदलाव किए। कोविड की वजह से भी विलंब हुआ था। साथ ही कहा, चयन होने पर भर्ती का अधिकार नहीं मिल जाता। ब्यूरो
यह है योजना
14 जून 2022 को जारी अग्निपथ योजना में 17 से 21 साल के युवाओं को सेना में 4 साल के लिए भर्ती होने का मौका दिया गया। इस अवधि के बाद 25 प्रतिशत को नियमित सेवा में रखने की अनुमति दी गई। कई राज्यों में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए, सरकार ने साल 2022 की भर्ती में अधिकतम आयु सीमा 23 वर्ष कर दी।
विरोधियों का तर्क
‘अग्निवीरों’ का वेतन नियमित सिपाही से कम है। दोनों के काम एक जैसे हैं।