तालिबानी राज में फिर दबाई गई महिलाओं की आवाज, एकमात्र महिला रेडियो स्टेशन बंद किया, ये बताई वजह

    रमजान का हवाला देकर तालिबानियों ने रेडियो की आवाज खामोश करवा दी। इस आदेश के पीछे तालिबान का आरोप है कि महिला रेडियो स्टेशन पवित्र रमजान माह के दौरान बजाया जा रहा था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महिला रेडियो स्टेशन ने तालिबान के इन आरोपों को खारिज कर दिया है।

    अफगानिस्तान में महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा एक रेडियो स्टेशन बंद कर दिया गया है। यह एकमात्र महिला रेडियो स्टेशन था, जो अफगानिस्तान के नॉर्थ वेस्ट इलाके में चलाया जा रहा था। लेकिन रमजान का हवाला देकर तालिबानियों ने रेडियो की आवाज खामोश करवा दी। इस आदेश के पीछे तालिबान का आरोप है कि महिला रेडियो स्टेशन पवित्र रमजान माह के दौरान बजाया जा रहा था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महिला रेडियो स्टेशन ने तालिबान के इन आरोपों को खारिज कर दिया है।

    10 साल पहले शुरू हुआ था रेडियो स्टेशन

    बताया जाता है कि यह रेडियो स्टेशन 10 साल पहले शुरू हुआ था। यहां 10 लोगों का स्टाफ है, इनमें 8 महिलाएं काम कर रही थीं। बदख्शां प्रांत के सूचना और सृस्कृति निर्देशक मोइजुद्दीन अहमदी ने कहा कि रमजान माह में गाने और संगीत बजाकर इस्लामिक अमीरात के कानूनों और नियमों का उल्लंघन किया गया है। इस कारण यह रेडियो स्टेशन बंद किया गया है। इस रेडियो स्टेशन का नाम सदाई बनोवन है, जिसका अर्थ होता है महिलाओं की आवाज।

    रेडियो स्टेशन की मैनेजर ने तालिबान के आरोपों को नकारा

    यदि इस्लामिक अमीरात के कानूनों का पालन करने की गारंटी इस रेडियो स्टेशन द्वारा दी जाती है, तो इसे भविष्य में फिर शुरू किया जा सकता है।  वहीं महिला रेडियो स्टेशन की मैनेजर रहीं नाजिया सोरोश ने कानून के उल्लंघन के आरोपों को नकारा है और कहा है कि साजिश के तहत उनके रेडियो स्टेशन को बंद किया गया है। रमजान के महीने में संगीत बजाने के आरोपों से नाजिया सोरोश ने इनकार किया।

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