दो वर्ष में ही विधवा हुई विवाहिता: प्रताड़ित कर रहे ससुराली, ‘लिखकर दो दूसरी शादी नहीं करोगी, तब देंगे हिस्सा’

    आगरा में शादी के दो वर्ष बाद ही नवविवाहिता विधवा हो गई। उसके दो बच्चे भी हैं। पति की मौत के बाद ससुराली उसे प्रताड़ित करने लगे। कुछ समय बाद घर से निकाल दिया। संपत्ति में हिस्सा देने के लिए कहा कि पहले यह लिखकर दो कि दूसरी शादी नहीं करोगी।

    उत्तर प्रदेश के आगरा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां शादी के मजह दो वर्ष बाद एक महिला विधवा हो गई। पति की मौत के बाद ससुराली उसका उत्पीड़न करने लगे। घर खर्च तक देना बंद कर दिया। उसने जायदाद के बंटवारे में पति का हिस्सा मांगा तो घर से निकाल दिया। आजिज आकर पीड़िता ने थाने की शरण ली।

    तीसरी तारीख पर भी नहीं हो सका समझौता

    मामले में रविवार को परिवार परामर्श केंद्र में तीसरी तारीख पर भी समझौता नहीं हो सका। परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर के सामने ससुराल पक्ष ने जायदाद में हिस्सा देना तो स्वीकार किया। लेकिन, शर्त रखी कि विवाहिता यह लिखकर दे कि वह दूसरी शादी नहीं करेगी। इस पर दोनों पक्षों में समझौता नहीं हो पाया। इसके बाद काउंसलर ने केस दर्ज कराने की संस्तुति कर दी है।

    मामला हरीपर्वत थाना क्षेत्र का है। यहां की रहने वाली एक युवती की शादी पांच साल पहले सिकंदरा में हुई थी। पति प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। वह गृहिणी थी। दोनों से दो बच्चे हुए। सब कुछ ठीक था। तीन साल पहले पति की एक हादसे में मौत हो गई। कुछ दिन बाद से ही ससुराल वाले ताने मारने लगे। घर खर्च के रुपये देने बंद कर दिए। जायदाद में हिस्सा मांगा तो घर से निकाल दिया गया।

     

    ससुराल पक्ष की तरफ से कोई नहीं आया

    मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। दो तारीखों पर ससुराल पक्ष की तरफ से कोई नहीं आया। इसके बाद सास और जेठ को तारीख पर बुलाया गया। काउंसलर ने दोनों पक्षों को समझाया। ससुराल वाले जायदाद में हिस्सा देने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने एक शर्त रखी और कहा कि तुम्हें लिखकर देना होगा कि तुम दूसरी शादी नहीं करोगी।

    काउंसलर ने केस दर्ज कराने की दी संस्तुति

    इसके बाद समझौते की बात नहीं बन पाई। इस पर काउंसलर ने केस दर्ज कराने की संस्तुति कर दी। परिवार परामर्श केंद्र में रविवार को 70 जोड़े बुलाए गए। महज 25 जोड़े उपस्थित हुए। इनमें से 11 मामलों में समझौता हो गया। आठ में एफआईआर की संस्तुति की गई। अन्य को अगली तारीख दे दी गई।

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