श्री रामजन्म भूमि परिसर, हाईकोर्ट, सचिवालय की सुरक्षा में बम निरोधक दस्ते तैनात

    एडीजी सुरक्षा विनोद कुमार सिंह ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में पहले से एक बम निरोधक दस्ता तैनात है। अब वहां दो और टीमों की तैनाती कर दी गई है। हाईकोर्ट के प्रयागराज और लखनऊ परिसरों की सुरक्षा के लिए एक-एक बम निरोधक दस्ता दिया गया है।

     

    अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर, इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ पीठ और सचिवालय की सुरक्षा का कवच और मजबूत किया गया है। सुरक्षा मुख्यालय ने शनिवार को सात बम निरोधक एवं जांच दस्ता (बीडीडीएस) और अयोध्या में खासतौर पर दो नई एंटी सेबोटॉज चेक (एएसचेक) टीमों को तैनात किया है।

    एडीजी सुरक्षा विनोद कुमार सिंह ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में पहले से एक बम निरोधक दस्ता तैनात है। अब वहां दो और टीमों की तैनाती कर दी गई है। हाईकोर्ट के प्रयागराज और लखनऊ परिसरों की सुरक्षा के लिए एक-एक बम निरोधक दस्ता दिया गया है। हाईकोर्ट ने कुछ माह पूर्व अपने दोनों परिसरों में बम निरोधक दस्ता तैनात करने के निर्देश भी दिए थे। इसके अलावा, लोकभवन समेत पांचों सचिवालय भवनों की सुरक्षा के लिए इसकी एक डेडिकेटेड टीम दी गई है। वाराणसी में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री समेत देश-विदेश के वीवीआईपी लोगों के मूवमेंट के मद्देनजर बम निरोधक दस्ता दिया गया है। साथ ही, गोंडा में पीएसी की 30वीं वाहिनी में एक दस्ते की तैनाती की गई है।

    एनएसजी व सीआरपीएफ जैसा प्रशिक्षण
    इन टीमों का एनएसजी मनेसर, हरियाणा तथा सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर, पुणे से प्रशिक्षण कराया गया है। पहले बीडीडीएस टीम के पास वातानुकूलित बसें नहीं थी। इससे टीम में शामिल श्वानों के परिवहन में दिक्कत होती थी। अब सभी 31 टीमों को वातानुकूलित बसें दी जा चुकी हैं।

    13 साल से नहीं हुआ था विस्तार
    यूपी पुलिस में 1987 में पांच बीडीडीएस का गठन हुआ था। इनमें अंतिम विस्तार 2010 में हुआ। तब से प्रदेश में 26 बीडीडीएस तथा 61 एएसचेक टीमें कार्यरत हैं। सुरक्षा मुख्यालय ने पांच नई बीडीडीएस तथा 10 एएसचेक टीमों के गठन के लिए प्रस्ताव शासन भेजा था। शासन की मंजूरी पर इन टीमों के लिए अत्याधुनिक उपकरण खरीदे गए।

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