माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे पर कसेगा शिकंजा, अपहरण और रंगदारी के एक और मामले में आरोप तय

    अतीक अहमद पर अब कानून का शिकंजा कसता जा रह है। एक और मामले में उसे और उसके बेटे को दोषी पर गया है। अपहरण और रंगदारी से जुड़ा यह मामला लखनऊ के व्यापारी संबंधित है।

    लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल का देवरिया जेल ले जाकर अपहरण और रंगदारी मामले में माफ़िया अतीक और उसके बेटे उमर पर आरोप तय हो गए हैं। उमर पर संगीन धाराओं में आरोप तय किए गए हैं। इस पर अभी अतीक और उसके बेटे की अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अतीक की पेशी ऑनलाइन के माध्यम से हुई। कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक के बेटे ने कहा कि उनके घर की महिलाओं को फंसाया जा रहा है।

    ग़ौरतलब है कि 28 दिसंबर 2018 को कारोबारी मोहित जायसवाल ने कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने गुर्गों के जरिये  गोमती नगर स्थित ऑफिस से उसका अपहरण करवाया था। इसके बाद अतीक ने जेल में उसके साथ मारपीट की तथा सादे पन्ने पर दस्तखत करने को कहा था। इनकार पर अतीक, उसके बेटे उमर तथा गुफरान, फारुख, गुलाम व इरफान ने तमंचे-रॉड और पट्टे से उसे पीटा था। इसके बाद जबरन स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर बनवाकर 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली थी।

    अतीक पर दर्ज हो चुके हैं 101 मुकदमे
    अतीक के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। वर्तमान में कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, जिनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। उस पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। इसके बाद जुर्म की दुनिया में अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते रहे। मुकदमों के साथ ही उसका राजनीतिक रुतबा भी बढ़ता गया।

    एक बार एनएसए भी लगाया जा चुका है
    1989 में वह पहली बार विधायक हुआ तो जुर्म की दुनिया में उसका दखल कई जिलों तक हो गया। 1992 में पहली बार उसके गैंग को आईएस 227 के रूप में सूचीबद्ध करते हुए पुलिस ने अतीक को इस गिरोह का सरगना घोषित कर दिया। 1993 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड ने अतीक को काफी कुख्यात किया। गैंगस्टर एक्ट के साथ ही उसके खिलाफ कई बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई। एक बार तो उस पर एनएसए भी लगाया जा चुका है।

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