अतीक-अशरफ की पुलिस हिरासत में मौत की हो CBI जांच, यूपी के पूर्व अफसर ने SC में दी याचिका

    अतीक और अशरफ की मौत के बाद सवाल उठते जा रहे हैं। कहा जा रहा कि अतीक का इनामी बमबाज गुड्डू मुस्लिम से जुड़े राज का खुलासा तो इस हत्याकांड की वजह नहीं बना।

    यूपी के प्रयागराज में पुलिस हिरासत में हुई माफिया-नेता अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट से हत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है।

    असल में, अतीक और अशरफ की मौत के बाद सवाल उठते जा रहे हैं। कहा जा रहा कि अतीक को इनामी बमबाज गुड्डू मुस्लिम से जुड़े राज का खुलासा तो इस हत्याकांड की वजह नहीं बना। इसलिए क्योंकि मौत के घाट उतारे जाने से ठीक पहले अशरफ ने गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया था।

    इससे पहले भी अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में रविवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में इस हत्याकांड की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया गया। अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की भी जांच की मांग की गई है।

     

    पांच लाख का इनामी गुड्डू

    बता दें, चकिया निवासी गुड्डू मुस्लिम कुख्यात बदमाश है और पांच लाख का इनामी भी है। उमेश पाल हत्याकांड में जहां पांच शूटर दनादन गोलिया बरसाते नजर आए थे। वहीं गुड्डू झोले से निकालक बमबाजी करता दिखा था। उमेश के गनर राघवेंद्र को उसने ही बम से उड़ाया था।

    उमेश पाल हत्याकांड का राज उगलवाने के लिए चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की फिल्मी अंदाज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को तब अंजाम दिया गया जब अतीक को मेडिकल के लिए पुलिस जीप से उतारकर अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी हमलावरों ने मीडियाकर्मी बनकर पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़ते ही अतीक पर बाईं ओर से गोली दाग दी। जब तक पुलिस या साथ चल रहा उसका भाई अशरफ संभल पाता तब तक हमलावरों ने उस पर भी गोली दाग दी थी। गोली लगते ही दोनों ढेर हो गए। बताया जाता है कि गोली लगने के कुछ देर बाद तक अतीक में थोड़ी बहुत हरकत देखी भी गई, लेकिन अशरफ में गोली लगने के बाद बिल्कुल भी हरकत नहीं देखी गई। वहीं शहर के बीच मंडलीय अस्पताल के गेट पर सुरक्षा घेरे में हत्या की वारदात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

     

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