कैश कांड के आरोपों में घिरे दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा का मुद्दा गरमाता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में करने की सिफारिश की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट का बार एसोसिएशन इस फैसले का विरोध कर रहा है. फैसले के विरोध में वकील पिछले तीन दिन से हड़ताल पर है. इस वजह से गुरुवार को तीसरे दिन भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायिक ठप रहा है. बार के पदाधिकारी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. वकीलों का कहना है कि अगर जस्टिस वर्मा का तबादले की सिफारिश को रद्द नहीं किया गया तो वे सोमवार से आक्रामक आंदोलन चलाएंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील गुरुवार को हाईकोर्ट के गेट नंबर तीन पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर की सिफारिश के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. वकीलों ने ‘यशवंत वर्मा गो बैक’ के नारे लगाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव विक्रांत पांडेय ने कहा कि हम लगातार जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले का विरोध कर रहे हैं. हम किसी भी हालत में भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्ति को यहां आने नहीं देंगे. विक्रांत पांडेय ने बताया कि वकीलों के एक डेलीगेशन ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल से मुलाकात कीकिसी भी कीमत पर जस्टिस यशवंत वर्मा को यहां बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को हर जगह से समर्थन मिल रहा है. उन्होंने बताया कि कई डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन और देश से कई हाईकोर्ट बार एसोसिएशन भी इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के साथ हैं.