वक्फ बिल पर अभी बवाल थमने वाला नहीं है. बिल में किये गए संशोधनों के खिलाफ कुछ राजनेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इनमें से एक हैं कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और दूसरे एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी. बिल के राज्यसभा में पास होते ही इन्होंने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की वैधता को चुनौती दी और कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है यानि असंवैधानिक है. अब सवाल उठता है कि क्या वक्फ बिल में हुए संशोधनों को पलटा जा सकता है? इससे पहले ‘ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य’ मामले से लेकर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम तक को कोर्ट में चुनौती दी गई और अदालत ने इन पर क्या फैसला सुनाया? वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर राज्यसभा में 128 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में, जबकि 95 ने विरोध में मतदान किया, जिसके बाद इसे पारित कर दिया गया. लोकसभा ने तीन अप्रैल को विधेयक को मंजूरी दे दी थी. लोकसभा में 288 सदस्यों ने विधेयक का समर्थन, जबकि 232 ने विरोध किया था.