बेंगलुरु से लगभग 70 किलोमीटर दूर, चिक्कबल्लापुर जिले के गौरीबिदनूर तालुक में बसा अलीपुर, जिसे सम्मान से ‘सिटी ऑफ हजरत अली’ भी कहा जाता है. इन दिनों यहां के लोग चिंता और बेचैनी में है. इस ऐतिहासिक शिया बस्ती के 60 से अधिक युवा छात्र और लगभग 50 श्रद्धालु इस समय ईरान में फंसे हुए हैं, जिनमें से कई जियारत (तीर्थयात्रा) पर गए थे और कुछ MBBS व इस्लामिक स्टडीज की पढ़ाई कर रहे हैंअलीपुर की कुल आबादी करीब 25,000 है, जिसमें लगभग 4000 परिवार रहते हैं. इन परिवारों में 90% से अधिक शिया मुस्लिम हैं, जो अपनी धार्मिक आस्था और शैक्षणिक जागरूकता के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां के छात्र ना सिर्फ़ भारत में, बल्कि ईरान, इराक़, और अन्य मुस्लिम देशों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वर्तमान में ईरान में 15 छात्र MBBS कर रहे हैं और 50 से अधिक इस्लामिक स्कॉलर विभिन्न धार्मिक संस्थानों में अध्ययनरत हैं.