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जमीन, आसमान और समंदर से दुश्मन पर सटीक वार… जानें फ्रिगेट महेंद्रगिरी की खासियतें

नीलगिरी क्लास का चौथा फ्रिगेट महेंद्रगिरी मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में तैयार हो रहा हैं. यह एक ऐसा फ्रिगेट है जो युद्ध के दौरान आसमान, जमीन और समंदर के अंदर भी दुश्मनों का सामना बखूबी कर सकता हैं. यानि हमला करने के साथ बचाव करने में पूरी तरह सक्षम हैं. यह स्टील्थ तकनीक से बना है. लिहाजा दुश्मन के राडार को यह बहुत छोटा दिखेगा. इसके अगले हिस्से के मुरिंग डेक को भी अब कवर दिया गया है ताकि दुश्मन के राडार को कुछ पता ही नही लगे.महिला अग्निवीरों के रहने के लिये अलग से व्यवस्थाइसका डिजाइन और निर्माण भी मझगांव डॉकयार्ड ने ही किया है. 75 फीसदी से अधिक कॉपोनेट देश में ही बने हुए हैं. फ्रिगेट में इस्तेमाल हुए खास तरह का स्टील भी स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने ही तैयार किया हैं. यह 149 मीटर लंबा है तो 17.8 मीटर चौड़ा हैं. स्पीड है इसकी 28 नॉट यानि करीब 52 किलोमीटर प्रतिघंटा. इसमें 215 क्रू आते हैं. महिला अग्निवीरों के रहने के लिये अलग से व्यवस्था हैं. वजन है 6670 टन . समुद्र में यह करीब 45 दिन तक रह सकता हैं. नौसेना के लिये मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में प्रोजेक्ट 17 अल्फा क्लास के तहत महेन्द्रगिरी फ्रिगेट बनने का काम जोरों पर हैं.

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