राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में भारतीयता के मूल स्वभाव और विश्व की वर्तमान चुनौतियों पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि हमारे धर्म की हानि करके आपके धर्म का उत्थान नहीं हो सकता. भारत में अलग पंथ-संप्रदाय होने के बावजूद झगड़ा नहीं होता है.इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) में आयोजित अणुव्रत न्यास निधि व्याख्यान में भागवत ने पढ़ाए जाने वाले इतिहास पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हमारे यहां पश्चिम का इतिहास पढ़ाया जाता है लेकिन पश्चिम में भारत का इतिहास नहीं पढ़ाया जाता. हालांकि अब सुन रहा हूं कि भारत में भी इतिहास बदला जा रहा है.