समान नागरिक संहिता पर सरकार में नई सुगबुगाहट दिख रही है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि सरकार कॉमन सिविल कोड लाने पर विचार कर रही है. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर और देश के अन्य क्षेत्रों के आदिवासियों को प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के दायरे से बाहर रखा जाएगा ताकि वे अपनी परंपरा के अनुसार ‘‘मुक्त रूप से” जीवन जी सकें. संघ से संबद्ध वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि कुछ लोग इन दिनों सोशल मीडिया पर एक विचित्र माहौल बना रहे हैं और केंद्र के खिलाफ एक विमर्श गढ़ रहे हैं.रिजिजू क्या कुछ बोलेरिजिजू ने हालांकि किसी का भी नाम नहीं लिया. मंत्री ने कहा, “केंद्रीय मंत्री होने के नाते मैं अपनी सरकार का रुख साझा करना चाहता हूं. हमारी सरकार और पार्टी (भाजपा) संविधान के अनुसार देश में समान नागरिक संहिता (लाने) के बारे में सोच रही है. जब फौजदारी कानून सभी के लिए समान है, तो नागरिक कानून भी (सभी के लिए समान) क्यों नहीं होना चाहिए.” उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने इस संबंध में काम शुरू कर दिया है.