सितंबर का महीना तेलंगाना की राजनीतिक के क़द्दावर के चंद्रशेखर राव (KCR) परिवार के लिए अच्छा नहीं रहा. पिता केसीआर को अपनी बेटी कविता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा. ये मामला कविता की पार्टी के अंदर अपने को स्थापित करने की मंशा और भाई के तारक रामा राव जो कि बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष है. उनके नेतृत्व और समर्थक चचेरे भाइयों टी हरीश राव और जे संतोष राव के ख़िलाफ़ बगावत थी. कविता को एक तेज तर्रार महिला नेता के रूप में तेलंगाना की रणनीति में जाना जाता है. वो सांसद रह चुकी हैं और बीआरएस पार्टी से एमएलसी है.जब बीआरएस सत्ता में थी, तब कविता की दख़ल पुलिस प्रशासन और उत्तरी तेलंगाना की गतिविधियों में काफ़ी रही पर उनकी स्थिति तब कमज़ोर हुई जब उनका नाम दिल्ली के आबकारी घोटाले में सामने आया और बाद में उन्हें ED ने गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया. जेल से 165 दिनों की रिहाई के बाद जब कविता वापस हैदराबाद पहुंची तो ना सिर्फ़ परिवार से उनका विवाद बढ़ा बल्कि राजनीतिक रूप से पार्टी के अंदर भी उन्होंने ख़ुद को अलग थलग पाया. अपने मुखर अंदाज़ और बयानों के लिए जानी जानेवाली कविता को आखिरकार सितम्बर 2 को पिता ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया और यह तय कर दिया कि पार्टी का भविष्य बेटा केटीआर ही है