मौत को गले लगाने गई महिला को कुदरत ने एक दूसरा मौका दिया, जिस जिंदगी से वह तंग आ चुकी थी, उसी जिंदगी को बचाने के लिए वह पूरी रात एक पेड़ पर गुजारती रही. अब आपको ऐसा लग रहा होगा कि यह कोई फिल्मी कहानी है लेकिन यह कानपुर की महिला की हकीकत है, जिसकी कहानी आपको भी हैरान कर देगी. कानपुर के अहिरवां इलाके में रहने वाली 43 वर्षीय मालती देवी का जीवन पिछले कुछ समय से उथल-पुथल भरा था. शादी के 23 साल बीत जाने के बाद भी संतान न होने का दर्द उसे और उसके टेंपो चालक पति को अक्सर झगड़ने पर मजबूर कर देता था.ऐसे में शुक्रवार की शाम को भी दोनों के बीच एक मामूली बात पर झगड़ो हो गया. पति ने काम से लौटकर चाय बनाने के लिए कहा तो पत्नी ने मना कर दिया. बस इसी बात पर विवाद इतना बढ़ गया कि महिला ने एक खौफनाक कदम उठाने का फैसला कर लिया. वह घर से दवा लेने का बहाना बनाकर निकली और सीधे जाजमऊ गंगा पुल पर पहुंच गई. रात के अंधेरे में साढ़े 10 बजे के करीब उसने अपनी सारी तकलीफों को खत्म करने की उम्मीद में खुद को गंगा की तेज लहरों के हवाले कर दिया