राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के 100 साल पूरा होने और दशहरा के खास मौके पर अपना संबोधन दिया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज का दिन बेहद खास है. आज जहां राष्ट्रपति महात्मा गांधी की जयंती है वहीं आज दशहरा भी है. साथ-साथ ही संघ अपना शताब्दी वर्ष भी मना रहा है. ये तीनों चीजें साथ मिलकर इस दिन को बेहद खास बनाती हैं. हमारे बीच कुछ ऐसी विभूतियां भी आईं जिन्होंने हिंद की चादर बनकर संप्रदायवाद के खिलाफ समाज की रक्षा की. आज महात्मा गांधी जी की जयंती है, देश के स्वतंत्रता की लड़ाई में उनकी लड़ाई अविस्मरणीय है. स्वतंत्रता के बाद का जीवन कैसे चले इसके लिए हमारे उस वक्त के दार्शनिक नेता का योगदान कमाल का है.उन्होंने कहा कि आज हम दुनिया के देश भारत की तरफ देख रहे हैं. हम हर बीतते दिन के साथ और अधिक मजबूत होते जा रहे हैं. समय आ गया है जब हम स्वदेशी के इस्तेमाल को और बढ़ावा दें. मैं मानता हूं कि हमारे लिए स्वदेशी का उपयोग मजबूरी नहीं बल्कि हमारा अधिकार है.