रेलवे की जमीन पर ‘50 हजार जिंदगियां’… बनभूलपुर मामले पर सुनवाई क्यों है इतनी अहम? समझें पूरा विवाद

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई है. 30.04 हेक्टेयर रेलवे भूमि पर बने 4365 अतिक्रमणों और वहां रहने वाले 50 हजार से ज्यादा लोगों के भविष्य का फैसला इस सुनवाई में तय होना है. इलाके में तनाव की वजह सिर्फ कानूनी लड़ाई नहीं है, फरवरी 2024 में भड़की हिंसा की टीस आज भी उस इलाके में ताजा है.क्या है पूरा विवाद?यह विवाद हल्द्वानी (उत्तराखंड) में रेलवे की जमीन पर वर्षों से हुए अतिक्रमण को लेकर है. हाईकोर्ट ने 2007 में पहली बार अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन कार्रवाई अधूरी रही. 2016 में कोर्ट ने फिर रेलवे को निर्देश दिए, पर अतिक्रमण नहीं हटा. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां प्रभावितों के पुनर्वास की मांग उठी. लगभग 30 एकड़ जमीन और 50 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं. फरवरी 2024 की घटना इस पूरे मामले को और संवेदनशील बनाती है. 8 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा में नगर निगम ने ‘अवैध’ मस्जिद को ध्वस्त किया. इस कार्रवाई को लेकर भारी विरोध हुआ. अतिक्रमण हटाने के नोटिस के खिलाफ भीड़ इकट्ठा हुई और देखते ही देखते माहौल बेकाबू हो गया. पुलिस पर पथराव, आगजनी, सरकारी वाहनों को फूंकने और गोलीबारी तक की नौबत आ गई. कई लोगों की जान गई. उपद्रवियों ने पुलिस थाने और सरकारी संपत्ति पर हमला किया, जिसके बाद पूरा हल्द्वानी कर्फ्यू जैसी स्थिति में पहुंच गया. हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए, वहीं बड़ी संख्या में लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए.इन दंगों ने प्रशासन को साफ संदेश दिया कि बनभूलपुरा सिर्फ अतिक्रमण का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक तौर पर ज्वलनशील क्षेत्र है. इसीलिए आज के फैसले से पहले जिला प्रशासन और पुलिस दोनों अलर्ट मोड पर हैं.

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