शॉल ओढ़ाई, कटवाया केक… पिता के बेहद करीब दिखे अखिलेश, चाचा शिवपाल पड़े अकेले

    क्या मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद हासिल करने में उनके छोटे भाई शिवपाल यादव पीछे रह गए हैं? सोमवार को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के मौके पर सामने आईं तस्वीरें तो कुछ ऐसा ही संकेत देती हैं। लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में अखिलेश यादव पिता और पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीब नजर आए। पहले शॉल ओढ़ाकर उन्होंने नेताजी का सम्मान किया और फिर हाथ पकड़कर केक कटवाया। दोनों के बीच इस दौरान गजब की बॉन्डिंग देखने को मिली और मुलायम सिंह यादव बेटे को आशीर्वाद देते नजर आए। इस दौरान अखिलेश के करीबी कहे जाने वाले परिवार के ही एक और सदस्य राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव भी मौजूद थे।

    लखनऊ में एक तरफ सपा मुख्यालय में अखिलेश ने धूमधाम से पिता का जन्मदिन मनाया तो दशकों तक नेताजी के साथ परछाईं की तरह रहने वाले शिवपाल अकेले सैफई में मौजूद थे। उन्होंने गांव में ही नेताजी के जन्मदिन के मौके पर केक काटा और भाषण में एक तरफ सबको शुभकामनाएं दीं तो अखिलेश को अल्टीमेटम देते नजर आए। शिवपाल यादव ने साफ कहा कि यदि अखिलेश यादव एक सप्ताह के भीतर उनकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ विलय या फिर गठबंधन को लेकर फैसला नहीं लेते हैं तो फिर वह लखनऊ में सम्मेलन बुलाएंगे और आगे की रणनीति पर फैसला लेंगे।

    एक दौर में मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी रहे शिवपाल यादव का अकेले सैफई में जन्मदिन मनाना इस बात का संकेत देता है कि परिवार में अब भी सब कुछ ठीक नहीं है। इसके अलावा अखिलेश भी उन्हें फिलहाल भाव देने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। लखनऊ में अपने संबोधन में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को मजबूत करने की बात कही और युवाओं से क्रांति में हिस्सा लेने को कहा, लेकिन शिवपाल यादव का कोई जिक्र नहीं किया। यही नहीं उन्होंने दोनों दलों के बीच किसी तरह के समझौते या फिर बिखराव को रोकने को लेकर भी कुछ नहीं कहा। इससे यही संकेत मिलता है कि शायद मुलायम सिंह का आशीर्वाद छोटे भाई से ज्यादा बेटे के साथ है।

    लखनऊ में सम्मेलन बुलाने की तैयारी में शिवपाल यादव

    सैफई में पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर फैसला नहीं होता है तो फिर लखनऊ में सम्मेलन बुलाएंगे और हर जगह पर रैलियां करेंगे। उन्होंने कहा, ‘एक सप्ताह में गठबंधन नहीं हुआ तो फिर हम लखनऊ में सम्मेलन करेंगे। हम तो चाहते हैं कि एका हो जाए। हम अपने लोगों से राय लेंगे कि क्या करना है और फिर आप लोग जो फैसला देंगे, हम उस पर चलेंगे। हम चाहते हैं कि 2022 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सत्ता में जरूर आए।’

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