BJP, शिंदे गुट और अजित पवार को कैसे हराया जा सकता है! शरद पवार ने बताया फॉर्मूला

    शरद पवार ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी एनसीपी कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) फैसला कर ले तो वे महाराष्ट्र में बदलाव ला सकते हैं। पवार ने यह भी दावा किया कि वो वर्तमान की शिंदे सरकार के साथ कभी नहीं जुड़ने वाले हैं। राकांपा कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक हैं।

    महाराष्ट्र की राजनीति में एकबार फिर हलचल मची है। ये हलचल एनसीपी प्रमुख शरद पवार के एक बयान के बाद हुई है। दरअसल, शरद पवार ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) निर्णय लें, तो वे महाराष्ट्र में बदलाव ला सकते हैं। राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक हैं।

    शिंदे सरकार से नहीं जुड़ेगी पार्टी

    पवार ने यह भी दावा किया कि वो वर्तमान की शिंदे सरकार के साथ कभी नहीं जुड़ने वाले हैं। वह रविवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रहे थे, जहां उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट के साथ मंच साझा किया।

    MVA ने ठान लिया, तो होगा बदलाव

    पवार ने याद किया कि कैसे पिछली सरकारों ने प्राचीन कला और संस्कृति, साहित्य और इतिहास के संरक्षण में मदद की थी।

    उन्होंने कहा, “हमारे लिए वर्तमान राज्य सरकार के साथ जुड़ना मुश्किल है, लेकिन कोई न कोई समाधान निकलेगा। अगर हम तीन (एमवीए घटक) ठान लेते हैं, तो बदलाव हो सकता है।”

    2 जुलाई के बाद पहली बार आए एकसाथ

    2 जुलाई को अजित पवार के विद्रोह के कारण एनसीपी के विभाजन के बाद यह पहली बार था कि एमवीए के तीनों सहयोगियों के नेताओं ने मंच साझा किया।

    2 जुलाई को अजित पवार और आठ अन्य एनसीपी विधायक एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान, शरद पवार ने यह भी कहा कि यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान राजवाड़े इतिहास संशोधक मंडल को 50 लाख रुपये देगा। पवार इस प्रतिष्ठान के प्रमुख हैं।

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