यूपी में खेला होबे, चार पीढ़ियों तक कांग्रेसी रहे वाराणसी के त्रिपाठी परिवार ने थामा तृणमूल का दामन

    बंगाल विधानसभा चुनाव में तीसरी बार जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही तृणमूल ने उत्तर प्रदेश (यूपी) में भी कांग्रेस में सेंधमारी शुरू कर दी है। कांग्रेस को तोड़कर 1998 में अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस बनाने वाली ममता बनर्जी छह माह पहले तक बंगाल में ही अपनी पुरानी पार्टी (कांग्रेस) में सेंध लगाकर उनके नेताओं को तोड़ रही थीं।

    अब राष्ट्रीय स्तर पर यह खेल शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत असम की पूर्व सांसद व सुष्मिता देव को पार्टी शामिल कराकर ममता ने शुरू की है। इसके बाद गोवा और अब यूपी में कांग्रेस को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया। इसी रणनीति के तहत ममता ने कांग्रेस से जुड़े उस परिवार में सेंधमारी की है जो कई दशकों से गांधी परिवार के करीबी के रूप में जाने जाता रहा है। यह परिवार स्वतंत्रता सेनानी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी का है।

    कुछ दिनों पहले यूपी कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कमलापति त्रिपाठी के परपोते राजेश त्रिपाठी ने अपने पुत्र ललितेश पति त्रिपाठी के साथ सोमवार को सिलीगुड़ी में तृणमूल का दामन थाम लिया। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा- हमलोग यूपी का काम करेंगे तो यूपी के लोगों से ही कराएंगे, लेकिन हम साथ में रहेंगे। हम गोवा में काम करेंगे तो गोवा के लोगों से ही कराएंगे, हम साथ में रहेंगे। हम सात बार सांसद रहे हैं और पूरे भारत को जानते हैं। हमने कई मंत्रलयों में काम किया है। उत्तर-पूर्व, यूपी से लेकर गोवा तक को जानते हैं।

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