देश के लिए 32 गोलियां झेलने वाली इंदिरा गांधी का नाम नहीं, सच से डरती है सरकार: राहुल गांधी

    1971 के युद्ध में भारत की जीत को याद करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार इंदिरा को क्रेडिट नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सच से डरती है, इसलिए विजय दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम में उनका नाम नहीं लिया गया। इससे पहले नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आरोप लगाया कि कुछ लोग इंदिरा गांधी को भुलाने की कोशिश कर रहे हैं।

    राहुल गांधी ने देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ”बांग्लादेश युद्ध को लेकर आज दिल्ली में एक आयोजन हुआ। इसमें इंदिरा गांधी के नाम का जिक्र नहीं किया गया। जिस महिला ने देश के लिए 32 गोलियां झेलीं, उनका नाम आमंत्रण में नहीं था, क्योंकि यह सरकार सच्चाई से डरती है।” गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही अंकरक्षकों ने कर दी थी।

    इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ”कुछ लोग इंदिरा गांधी के काम को भुलाने की कोशिश कर रहे हैं। बांग्लादेश के लोग आज के दिन को याद करते हैं। जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा तक लोकतंत्र की मदद के लिए योगदान करते आए हैं, लेकिन कुछ लोग 1971 के योगदान को भुलाने की कोशिश कर रहे हैं।”

    कांग्रेस ने 50वें ‘विजय दिवस’ के अवसर पर गुरुवार को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए भारतीय सेना के शौर्य को सलाम किया और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कुशल नेतृत्व को याद किया। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”1971 के युद्ध के शहीदों और योद्धाओं को याद करता हूं। भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के कुशल नेतृत्व में लोकतंत्र के विचार को बचाने के युद्ध में विजय हासिल की थी। जय हिंद।” कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से कहा, ”बहादुर भारतीय सेना शांति और समृद्धि की योद्धा है। भारतीय सेना के शौर्य और साहस ने शांति की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उसका उदाहरण बांग्लादेश को पाकिस्तान के अत्याचारों से मुक्ति दिलाना है।”

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