आगरा में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश बोले- एकरंगी सरकार खत्म करना चाहती है संविधान

    सपा मुखिया अखिलेश यादव और रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी आगरा पहुंच चुके हैं। पत्रकार से बात करते हुए रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी बोले कि भाजपा सरकार के दावे खोखले हैं। आंबेडकर ने नागरिकों को जो अधिकार दिए उन मूल्यों को बचाने के लिए यही गठबंधन उप्र के मतदाताओं के लिए एक विकल्प है। लाठी, बुल्डोजर चलाने से आगरा का विकास नहीं हो सकता।

    आगरा के नागरिकों को याद दिलाना चाहता हूं नागरिक उड्डयन मंत्री रहते हुए कनेक्टिविटी के लिए बहुत प्रयास किए। अखिलेश यादव ने भी बहुत प्रयास किए। पूरे उप्र के मानचित्र पर आगरा का एक विशेष महत्व रहेगा। एक करोड़ नौ लाख 2019 में पर्यटक आए थे। आलू का बड़ा क्षेत्र है। आलू किसानों के साथ अन्याय हुआ। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहता हूं कि आप हमारी गर्मी निकालने की बात कर रहे हैं। आलू की फिक रहा है। नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही, उनकी गर्मी कैसे निकालोगे। किसान और नौजवानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि पांच साल में जो अन्याय हुआ ये चुनाव मौका है। मैं बदला शब्द प्रयोग नहीं करूंगा। प्रदेश के किसान और नौजवान चुनाव में वोट की चोट जरूर देंगे। सपा और रालोद गठबंधन की सरकार में आगरा को विकास में प्राथमिकता दी जाएगी।

    आगरा और आसपास के लोगों से मेरी अपील है कि इस बार गठबंधन की मदद करें। सभी प्रत्याशियों को एतिहासिक जीत दिलाने का काम करें। हम कई समय पर मिले हैं और आगरा न केवल यूपी के लिए बल्कि दुनिया में परिचय है। ताजमहल और कारोबार ने दुनिया में भारत और उप्र की प्रतिष्ठा बनाई है। आगरा मेल-जोल का शहर है। मुझे आगरा में कई बार आने का मौका मिला। दाल में मोंठ मिला दी। बेड़ई जलेबी का मेल जोल आगरा में ही दिखाई देता है। यहां के लोग भी इसी तरह मिलकर रहते हैं। कारोबार हमें जोड़ता है, लेकिन नफरत करने वाले लोगों को इस बार आगरा की जनता रिजेक्ट करेगी। नफरत की राजनीति करने वाले लोगों को सबक सिखाएगी जनता। ये चुनाव लोकतंत्र बचाने का चुनाव है। संविधान बचाने का चुनाव है।हमारा गठबंधन बहुरंगी है। ये एकरंगी लोग संविधान को भी खत्म करना चाहते हैं। इसलिए जहां सवाल बड़े-बड़े हैं। जहां किसान की आय दोगुनी होनी थीं, वहां सरकार की गलत नीतियों के कारण आय नहीं बढ़ी। मंहगाई बढ़ गई। संतुलन नहीं बना सकी सरकार। सरकार पूंजीपतियों के साथ खड़ी है। सरकार कहती है अमृत बजट है। इससे पहले के सभी बजट क्या जहर बजट थे। बाबा मुख्यमंत्री की भाषा पहली बार ऐसी नहीं हुई। जो मुख्यमंत्री सदन में कह दे कि ठोंक दो। सदन में असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करें। वे कह रहे हैं कि गर्मी निकाल देंगे। क्या मुख्यमंत्री कंप्रेशर हैं, जो गर्मी निकाल देंगे। वो जनता से कह रहे हैं कि गर्मी निकाल दो, हम वापस उत्तराखंड जाना चाहते हैं। गोरखपुर की जनता यह सिखा देगी।

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