भारतीयों को यूक्रेन से वापस लाने में नहीं छोड़ेंगे कोई कसर, हिन्दुस्तान से बातचीत में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

    यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के लिए भारत सरकार पूरी तरह से तत्पर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘हिन्दुस्तान’ के प्रधान संपादक शशि शेखर से खास बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘हम युद्ध के इस संकट में फंसे सभी भारतवासियों को स्वदेश वापस लाने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। हमारे बच्चों को युद्ध की परिस्थितियों के बीच जिस तरह की तकलीफ उठानी पड़ी, उससे भी हम परिचित हैं। हम यह सुनिश्चित करने में बिल्कुल कसर नहीं छोडे़ंगे कि प्रत्येक भारतीय की सुरक्षित घर वापसी हो।’

    पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कई स्थानों पर मौसम ने भी मुश्किलें बढ़ाईं। यही वजह है कि सरकार का पहला प्रयास यह रहा कि जिन क्षेत्रों में युद्ध का ज्यादा प्रभाव है, वहां से भारतीय नागरिक और हमारे विद्यार्थी निकलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें।’ उन्होंने कहा, ‘इसके लिए मैंने खुद कई राष्ट्राध्यक्षों से बात की। सरकार के सभी विभाग पूरे समन्वय के साथ इस मिशन में जुटे हैं। यही वजह है कि जब हमारे बच्चे युद्ध के बीच से घर लौट रहे हैं, तो उनकी खुशी उनके चेहरों पर साफ देखी जा सकती है। उनके परिजनों में भी राहत का जो भाव है, उसे महसूस किया जा सकता है।’

    एक अन्य प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जो भारतीय नागरिक और विद्यार्थी अभी भी वहां हैं, उनकी वापसी के लिए हम हर जरूरी कदम उठा रहे हैं। हमने अपने चार मंत्रियों को समूचे अभियान को ‘कोऑर्डिनेट’ करने और हर संभव मदद करने के लिए भेजा है। वहां फंसे बच्चे जब यह देखते हैं कि भारत सरकार के मंत्री खुद उन्हें लेने के लिए पहुंचे हैं, तो उनकी चिंता कम हो जाती है। एक सुकून का भाव आता है कि हां, अब हम अपने घर पहुंच जाएंगे।’

    उड़ानों की संख्या तय थी, जिसमें यूक्रेन से बात कर दिलाई छूट

    प्रधानमंत्री मोदी ने मुददे की गहराई में जाते हुए बताया, ‘हमने यूक्रेन के आसपास के देशों के एनजीओ और भारतवंशियों के संगठनों को भी ‘मोबिलाइज’ किया है। युद्ध शुरू होने से बहुत पहले से ही हमारा दूतावास विद्यार्थियों के संपर्क में रहा है और उन्हें लगातार ‘गाइड’ करता रहा है। यह लड़ाई शुरू होने से पहले से कोविड 19 संबंधित ‘एयर बबल’ के कारण भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों की संख्या पर ‘कैप’ हुआ करता था। लेकिन संघर्ष की स्थिति आने से पहले हमने यूक्रेन के अधिकारियों के साथ काम किया और इन बंदिशों को ढीला करवाया ताकि उड़ानों की संख्या बढ़ सके। इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि हम करीब 12 हजार भारतीयों को यूके्रन से बाहर निकालना सुनिश्चित कर पाए।’

    मोदी बोले- छात्रों के परिवारों के भी संपर्क में है सरकार

    प्रधानमंत्री ने अंत में बताया, ‘अपने नागरिकों की वापसी के लिए हमने नियमित उड़ानों के अलावा भारतीय वायुसेना को भी इस अभियान में लगाया है। अगले तीस दिनों में करीब तीस उड़ाने भारतीयों को वापस लाएंगी। मैंने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सरकार हमेशा सभी विद्यार्थियों के परिजनों से संपर्क में रहे। यही वजह है कि कलेक्टर से लेकर मंत्री तक, सरकार हजारों परिवारों तक पहुंच रही है और उनकी चिंताओं को दूर कर उन्हें आश्वस्त करने के लिए उनके साथ खड़ी है।’

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