सपा से मिली आजादी से संतुष्ट नहीं शिवपाल यादव? बताई अपनी चाहत, कहा- यह भी अखिलेश की अपरिपक्वता का प्रमाण

    समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बनने के बाद भी मीटिंग में नहीं बुलाए जाने से नाराज शिवपाल यादव ‘आजाद’ होने के बाद भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने भतीजे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस कदम को भी अपरिपक्वता बताया है। शिवपाल ने कहा कि अगर उन्हें आजाद ही करना था तो पार्टी और विधानमंडल दल से निकाल देना चाहिए था।

    शिवपाल यादव की नाराजगी और अखिलेश यादव को लेकर बयानबाजी को देखते हुए शनिवार को समाजवादी पार्टी ने आजाद करने संबंधी लेटर जारी किया था। सपा ने लेटर जारी करते हुए लिखा था कि माननीय शिवपाल सिंह यादव जी अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।

    सोमवार को न्यूज 18 से बातचीत में शिवपाल यादव ने कहा कि हम तो पहले से ही स्वतंत्र हैं। हमें मीडिया से पता चला कि फिर से आजादी दी गई है। अच्छा होता कि मुझे समाजवादी पार्टी और विधानमंडल दल से निकाल देते। शिवपाल ने कहा कि मुझे आजादी देकर अखिलेश यादव ने एक बाद फिर राजनीतिक अपरिपक्वता का प्रमाण दिया है। परिपक्व होते तो हमें पार्टी से निकालते। जब मीटिंग में नहीं बुलाएंगे, कोई जानकारी नहीं देंगे तो कम से कम पार्टी से ही निकाल देते। शिवपाल ने कहा कि हमारी पार्टी कहां थी और कहां पहुंच गई है। अगर अखिलेश में परिपक्वता होती तो आज हमारी सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते।

    शिवपाल ने सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के साथ गठबंधन को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की। कहा कि राजभर से शिष्टाचार भेंट हुई है लेकिन अभी गठबंधन को लेकर कोई बात नहीं हुई है। आजम खां पर शिवपाल ने कहा कि वह सीनियर लीडर हैं। उनसे भी हमारी शिष्टाचार भेंट भी होती रहती है। जब भी जरूरत होगी, हम उनके साथ खड़े होंगे। न्याय की बात हमेशा करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। एक सवाल के जवाब में शिवपाल ने कहा कि मुसलमानों की बातों को हमेशा हमने उठाया है। जब भी कोई बात होगी फिर उठाएंगे।

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