रेवड़ी कल्चर पर केजरीवाल का ‘रेफरेंडम दांव’, कहा- जनता से ही पूछ लेते हैं

    आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को गुजरात के सौराष्ट्र में ‘रोजगार गारंटी’ का वादा करते हुए कहा कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो सभी युवाओं को नौकरी दी जाएगी। जब तक नौकरी नहीं दी जाएगी, 3 हजार रुपए मासिक भत्ता दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने ‘रेवड़ी’ बांटने के आरोपों का जवाब देते पलटवार किया और कहा कि इस मुद्दे पर जनमत संग्रह करा लिया जाए। जनता से पूछ लिया जाए कि उन्हें मुफ्त शिक्षा, इलाज मिलनी चाहिए या नहीं।

    स्विस बैंकों में ले जाते हो रेवड़ी: केजरीवाल

    केजरीवाल ने कहा, ”दूसरी पार्टी वाले टीवी पर बैठकर मुझे गालियां देने वाले हैं। केजरीवाल फ्री की रेवड़ी बांट रहा है, यह सारी रेवड़ी अपने दोस्तों को बांटते हैं। ये सारी रेवड़ी स्विस बैंकों में ले जाते हैं। केजरीवाल रेवड़ी स्विस बैंक में नहीं ले जाता है, जनता में बांटता है। ये सारी रेवड़ी अपने मंत्रियों को बांटते हैं। अभी एक बहुत बड़ा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बना, बहुत बड़ी सड़क बनी, हजारों करोड़ रुपए खर्च करके। जिस दिन उद्घाटन हुआ उसके 5 दिन के अंदर कई जगह धंस गई। इसका मतलब ठेकेदारों में रेवड़ी बांटी इन्होंने। तुम ठेकेदारों को रेवड़ी बांटते हो, दोस्तों को बांटते हो, मंत्रियों को बांटते हो, देश की सारी रेवड़ी स्विस बैंकों में ले जाते हो। केजरीवाल सारी रेवड़ी जनता को बांटता है। यह प्रथा बंद होनी चाहिए, जो भी फ्री मिलेगा सिर्फ जनता को मिलेगा।”

    जनमत संग्रह कराने की चुनौती

    केजरीवाल ने कहा, ”कहते हैं यदि फ्री बिजली, स्वास्थ्य, फ्री शिक्षा दे दी तो सरकार को घाटा हो जाएगा। आज साढ़े तीन लाख करोड़ का कर्जा है गुजरात पर। मैंने कर दिया? कौन सी फ्री की रेवड़ी बांटी इन्होंने? गुजरात में मुफ्त बिजली है? फ्री तीर्थ यात्रा है? कुछ भी देते हैं ये फ्री में। कुछ नहीं देते तो कर्जा क्यों है? भ्रष्टाचार की वजह से है। फ्री रेवड़ी बांटने से कर्जा नहीं होता है स्विस बैंकों में पैसा ले जाने से होता है, भ्रष्टाचार से होता है। जो लोग फ्री रेवड़ी का विरोध करते हैं, उनकी नीयत खराब है। वह सारा पैसा स्विस बैंक में ले जाना चाहते हैं। मैं कहता हूं कि देश में जनमत संग्रह करा लो। जनता से पूछ लेते हैं कि आपके बच्चों को अच्छी शिक्षा फ्री मिलनी चाहिए या नहीं। आपके परिवार को मुफ्त इलाज और दवा मिलनी चाहिए कि नहीं, आपको मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए या मंत्रियों को। इस बात पर चर्चा होनी चाहिए।”

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