मनीष हत्याकांड: चार्जशीट दाखिल होने के बाद फिर गोरखपुर आई CBI, बीआरडी में की पूछताछ

    कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल होने के बाद मंगलवार को एक बार फिर सीबीआई गोरखपुर पहुंची है। मेडिकल कॉलेज में इएमओ (इमरजेंसी मेडिकल आफिसर), फार्मासिस्ट, डॉक्टर व कर्मचारियों से साढ़े चार घंटे पूछताछ कर बयान दर्ज की है। पुराना दर्ज बयान का रिकॉर्ड भी सीबीआई साथ लेकर आई थी। खबर है कि पुराने बयान से मिलान भी किया गया है।

    जानकारी के मुताबिक, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सीबीआई टीम मंगलवार दोपहर 12.30 बजे पहुंची थी। टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर ने घटना के समय ड्यूटी पर रहने वाले इमरजेंसी मेडिकल आफिसर डॉ. एके श्रीवास्तव, फार्मासिस्ट एसपी चौधरी, रेजिडेंट और वार्ड ब्वाय को फोन कर बुलाया और फिर बंद कमरे में पूछताछ की है।

    सीबीआई ने यह जानने की कोशिश की है कि जिस वक्त मनीष मेडिकल कॉलेज लाया गया था, उसकी स्थिति क्या थी। उस रात क्या-क्या हुआ था? पूछताछ के बाद शाम पांच बजे मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय से निकली सीबीआई की टीम लखनऊ रवाना हो गई। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

    यह हुआ था

    27 सितंबर 2021 को गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता अपने मित्रों के साथ रुके थे और पिटाई से मौत हो गई थी। आरोप है कि तत्कालीन रामगढ़ताल प्रभारी निरीक्षक जगत नरायन सिंह अपने सहयोगी दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे,विजय यादव, सिपाही कमलेश यादव व आरक्षी प्रशांत संग होटल में पहुंचे थे और उन्हीं के पिटाई से मौत हुई थी।

    पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया था। बाद में विवेचना सीबीआई ने की थी और चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट से जगत नारायण को छोड़कर अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या व अन्य धाराएं हटा दी गई थी। जिसे हाईकोर्ट दिल्ली में मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने अपील की है और उस पर वही से सुनवाई का फैसला हुआ है।

    सिविल कोर्ट बोर एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष कृष्ण बिहारी दुबे ने कहा कि पुलिस एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज करने के बाद विवेचना करती है। विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन के आधार पर 173/2 के तहत आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया जाता है। इसकी अंतिम लाइन में यह लिखा जाता है कि अगर कोई साक्ष्य मिले तो विवेचना जारी है। इसी के तहत सीबीआई जांच के लिए आई होगी।

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