PM मोदी के बाद दाऊदी बोहरा समुदाय के नेता से मिले उद्धव ठाकरे, जानें इसके राजनीतिक मायने

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में दाऊदी बोहरा संप्रदाय के धार्मिक मामलों के प्रमुख सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से मुलाकात की है। इसे लेकर राजनीतिक कयास के बाजार गर्म हो गए हैं। ठाकरे के इस प्रयास को प्रभावशाली समुदाय तक पहुंच बनाने के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि मुंबई में दाऊदी बोहरा समुदाय के कई हजार सदस्य हैं।

    नया परिसर खुलने के लिए सैयदना को दी बधाई

    शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के प्रमुख ठाकरे की मुलाकात से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अल्पसंख्यक समुदाय के एक शैक्षणिक संस्थान का उद्घाटन किया था। उद्धव ठाकरे ने उपनगर अंधेरी के मरोल में नया परिसर खुलने के लिए सैयदना को बधाई दी। समुदाय के एक पदाधिकारी ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को मरोल में अलजामी-तुस-सैफियाह अरबी अकादमी पहुंचकर दाऊदी बोहरा के नेता सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से मुलाकात की और नए परिसर के उद्घाटन की बधाई दी।”

    पीएम ने समुदाय से अपने पुराने संबंध को किया था याद

    गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को अपनी मुंबई यात्रा के दौरान सैयदना सैफुद्दीन से मुलाकात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ अपने दशकों पुराने संबंध को याद किया था। मोदी ने कहा था, “मैं परिवार के एक सदस्य के रूप में यहां आया हूं, प्रधानमंत्री के रूप में नहीं।” प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार दाऊदी बोहरा मुस्लिम समाज के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

    इससे पहले मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब दाऊदी बोहरा समुदाय के एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। मोदी ने इंदौर में साल 2018 में उनके बीच कहा था कि बोहरा समाज से उनका गहरा रिश्ता रहा है। उन्होंने तब इस मुस्लिम समुदाय से बड़ा समर्थन मिलने की बात भी कही थी। वहीं, अब उद्धव ठाकरे ने इस समुदाय में अपनी पैठ जमाने के प्रयास शुरू किए हैं।

    कौन होते हैं बोहरा मुस्लिम?

    बोहरा समाज के लोग आम मुस्लिमों से थोड़े अलग होते हैं। 20 लाख से ज्यादा बोहरा समुदाय के लोग महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कोलकाता, चेन्नई आदि स्थानों पर प्रमुख रूप से रहते हैं। बोहरा आम मुस्लिमों की तरह ही शिया और सुन्नी दोनों होते हैं। दाऊदी बोहरा शियाओं से ज्यादा समानता रखते हैं। वहीं, सुन्नी बोहरा हनफी इस्लामिक कानून को मानते हैं।

    NO COMMENTS

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Exit mobile version