कर्नाटक के बिना भारत को परिभाषित नहीं कर सकते, कन्नड़ सांस्कृतिक कार्यक्रम में बोले प्रधानमंत्री

    एक भारत, श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण के तहत कर्नाटक की संस्कृति, परंपराओं और इतिहास का जश्न मनाने के लिए दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में दिम दिमावा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित हुए इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया। इस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं।

    कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘जब हम 75 वर्ष पहले की परिस्थिति को देखते हैं उसका आंकलन करते हैं तो इस प्रयास में भारत की अंग आत्मा के दर्शन होते हैं। आज आजादी के अमृत काल में भी देश की वो उर्जा और समर्पण जीवंत नज़र आती है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘मैं इस अवसर पर इस संघ का सपना देखने वाली, इसे साकार करने वाली सभी विभूतियों को नमन करता हूं। 75 साल तक जिन लोगों ने इस संघ को चलाया आगे बढ़ाया, विकास किया वे सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। मैं कर्नाटक के लोगों को भी राष्ट्र निर्माण के उनके प्रयास के लिए नमन करता हूं।’

    भारत की पहचान हो, परंपरा हो या भारत की प्रेरणा हो कर्नाटक के बिना हम भारत को परिभाषित नहीं कर सकते हैं। पौराणिक काल से कर्नाटक की भूमिका हनुमान की रही है। हनुमान के बिना न राम होते हैं न रामायण बनती है। कर्नाटक के लोगों ने हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत के मंत्र को जिया है।  आज जर्मन चांसलर से मिला मुझे खुशी है कि कल से उनका कार्यक्रम बेंगलुरु में शुरु हो रहा है। आज G20 समूह की भी एक बड़ी बैठक बेंगलुरु में हो रही है। मैं किसी भी राष्ट्राध्यक्ष से मिलता हूं तो मेरी कोशिश होती है कि वे प्राचीन और आधुनिक भारत की दोनों तस्वीरें देखें।

    आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित हो रहे इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में सैंकड़ों कलाकार नृत्य, संगीत, नाटक, कविता आदि के माध्यम से कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया।

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