मनीष सिसोदिया को आज जमानत मिल भी गई तब भी रिहाई मुश्किल, जानें क्यों

    दिल्ली शराब घोटाले में आज मनीष सिसोदिया की ज़मानत पर सुनवाई होनी है। आज की सुनवाई दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की CBI द्वारा की गई गिरफ्तारी में ज़मानत पर है, जबकि गुरुवार को सिसोदिया को ED ने भी गिरफ्तार कर लिया है। इसलिये आज ED भी सिसोदिया को कोर्ट में पेश करके रिमांड लेने की कोशिश कर सकती है। ED ने तिहाड़ जेल में जाकर सिसोदिया से लगातार दूसरे दिन 8 घंटे तक पूछताछ की। इस पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ED आज दोपहर दो बजे सिसोदिया को कोर्ट में पेश करेगी।

    इधर दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट आज ज़मानत याचिका पर सुनवाई करेगी। कोर्ट ने सिसोदिया को 20 मार्च तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेजा है। इसका सीधा मतलब ये है कि अगर CBI कोर्ट मनीष सिसोदिया को ज़मानत दे भी देती है तो सिसोदिया बाहर नहीं आने वाले।

    शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया आरोपी नंबर वन

    इससे पहले कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया की ज़मानत पर सुनवाई करती, उन्हें इनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले ED ने दो दिन में दो बार मनीष सिसोदिया से तिहाड़ जेल में लंबी पूछताछ की और गुरुवार को उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले सात दिन की CBI रिमांड के बाद मनीष को तिहाड़ जेल भेजा गया था। शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया आरोपी नंबर वन है। ED इस केस में चार्जशीट फाइल कर चुकी है। चार्जशीट में मनीष सिसोदिया के खिलाफ संगीन इल्जाम लगाए गए थे।

    आज ED अदालत से मनीष सिसोदिया की कस्टडी मांग सकती है। इस मामले में ED ने जो मेन चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की है, उसमें साफ-साफ कहा गया है कि शराब घोटाले में दिल्ली सरकार के खजाने को चूना लगाया गया। शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के बदले आम आदमी पार्टी को सौ करोड़ की रिश्वत दी गई।

    चार्जशीट में सिसोदिया के खिलाफ संगीन इल्जाम
    ED का दावा है कि दिल्ली की आबकारी नीति में जानबूझकर कुछ कमियां रखीं गईं थी जिससे इनका फायदा उठाकर पैसे कमाए जाएं और आम आदमी पार्टी को चंदे के तौर पर दिए जाएं। शराब के होल सेलर्स का कमीशन 5 परशेंट से बढ़ाकर 12 परशेंट किया गया और इसमें से 6 परसेंट आम आदमी पार्टी के नेताओं के पास जाना था। चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने अपने पसंदीदा शराब कारोबारियों को बेहिसाब फायदा पहुंचाया। ED की चार्जशीट में कहा गया है कि शराब कारोबारियों का ये कार्टेल विजय नायर के आदेश पर चल रहा था। उसने ही दबाव डालकर कुछ शराब कारोबारियों के लाइसेंस सरेंडर करवाए।

    विजय नायर ने AAP को दिलाए 100 करोड़
    चार्जशीट में ये साफ कहा गया है कि विजय नायर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का करीबी था। विजय नायर, केजरीवाल के कैंप ऑफिस में काम करता था और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत को मंत्री के तौर पर एलॉट हुए घर में रहता था। विजय नायर के जरिए ही आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली। शराब घोटाले से जुड़े ज्यादातर बड़े सबूत मोबाइल फोन और लैपटॉप में थे और जांच शुरू होते ही 36 आरोपियों ने 170 मोबाइल फोन नष्ट कर दिए।

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