सिसोदिया पर CBI का एक और शिकंजा: फीडबैक यूनिट के जरिए जासूसी कराने के मामले में नया केस दर्ज

    सीबीआई ने इससे पहले मनीष सिसोदिया पर कथित शराब घोटाला मामले में केस दर्ज किया है जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तिहाड़ जेल में बंद हैं।

    केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) ने मनीष सिसोदिया पर दोहरा शिकंजा कस दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ में कथित अनियमितताओं को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज किया है।

    आरोप है कि आप सरकार ने 2015 में एक फीडबैक यूनिट तैयार की थी और इससे कई लोगों की जासूसी की गई। आरोप मुख्यतः विपक्ष पर जासूसी कराने का है। यह भी आरोप है कि इस यूनिट में भर्ती के लिए केंद्र सरकार से अनुमति भी नहीं ली गई थी।

    कहा जा रहा है कि सीबीआई ने इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की है उसमें मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर-1 बनाया है। इस मामले में सीबीआई ने 14 मार्च को केस दर्ज किया था।

    सीबीआई ने मनीष सिसोदिया पर आपराधिक साजिश रचने, संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग करने, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाकर केस दर्ज किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले की एफआईआर में पांच अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है।

     

    सिसोदिया के अलावा इनका है FIR में नाम

    मनीष सिसोदिया के अलावा फीडबैक यूनिट जासूसी केस में आईआरएस अधिकारी सुकेश कुमार जैन (जो उस वक्त दिल्ली सरकार में विजिलेंस सचिव थे), सीआईएसएफ के रिटायर्ड डीआईजी राकेश कुमार सिन्हा का भी नाम है। सिन्हा को दिल्ली के सीएम का खास सलाहकार और फीडबैक यूनिट का संयुक्त निदेशक बनाया गया था। इनके अलावा प्रदीप कुमार पुंज(एफबीयू के डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर काम किया), सीआईएसएफ के पूर्व असिस्टेंट कमांडेंट सतीश क्षेत्रपाल (यूनिट के अधिकारी के तौर पर काम करते थे) और गोपाल मोहन का नाम एफआईआर में शामिल है।

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