बंद होने की कगार पर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस? जानें क्यों देश छोड़कर भागने को मजबूर हुए पायलट

    पाकिस्तान ने कई विदेशी एयरलाइन कंपनियों के डॉलर बंद कर दिए हैं, इसलिए अब ये कंपनियां पाकिस्तानी ग्राहकों से डॉलर में भुगतान कर टिकट खरीदने को कह रही हैं।

    पाकिस्तान की गरीबी का असर अब हर क्षेत्र में दिखने लगा है। पाकिस्तानी संसद की उड्डयन मामलों की स्थायी समिति को गुरुवार को सूचित किया गया कि बड़ी संख्या में पायलट हाल ही में देश छोड़कर चले गए हैं। दिवालिया हो चुकी सरकारी एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के सीईओ आमिर हयात ने बताया कि हाल ही में 15 पायलट देश छोड़कर जा चुके हैं। हयात ने कहा कि पीआईए नए पायलटों की भर्ती करना चाहती है लेकिन मंजूरी नहीं मिल पा रही है। समिति के अध्यक्ष सीनेटर हिदायतुल्लाह ने कहा कि पायलट बनने का सपना देखने वाले लोगों का भविष्य संकट में पड़ सकता है।

    141 पायलटों के लाइसेंस संदिग्ध

    दरअसल, पाकिस्तान ने कई विदेशी एयरलाइन कंपनियों के डॉलर बंद कर दिए हैं, इसलिए अब ये कंपनियां पाकिस्तानी ग्राहकों से डॉलर में भुगतान कर टिकट खरीदने को कह रही हैं। सीनेट कमेटी को यह भी बताया गया है कि यात्री वीपीएन का इस्तेमाल कर टिकट खरीद रहे हैं। इसके चलते उन्हें पाकिस्तान में खरीदे जाने वाले टिकटों से कम कीमत पर टिकट मिल रहे हैं। पाकिस्तान ने गरीबी दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर टैक्स बढ़ाए हैं। इतना ही नहीं कमेटी की बैठक में यह भी सामने आया कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के 141 पायलटों के लाइसेंस संदिग्ध हैं।

    पीआईए पर अरबों रुपये का बकाया

    इससे पहले यह बात सामने आई थी कि कई पाकिस्तानी पायलटों ने पैसे देकर एयरलाइन पायलट का लाइसेंस हासिल किया था। इसके बाद कई पायलटों की उड़ान पर रोक लगा दी गई थी। इस दौरान पायलटों की फर्जी डिग्री का मामला भी सामने आया। पीआईए ने कहा कि कई पायलट फर्जी डिग्री के साथ पकड़े गए हैं और उन्हें बर्खास्त किया गया है। इस दौरान यह भी खुलासा हुआ कि पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन पीआईए को अरबों रुपये का बकाया चुकाना है।

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