पहले दिन दार्जिलिंग में पर्यटन पर हुई चर्चा, प्रतिनिधियों ने चखा चाय की पत्ती का स्वाद

    चांदनी चाय पत्ती चुनने और चाय चखने से लेकर स्थायी साहसिक पर्यटन पर चर्चा करने तक जी20 पर्यटन कार्य समूह की दूसरी बैठक के पहले दिन इस क्षेत्र में पर्यटन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक एक से तीन अप्रैल तक पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी में आयोजित की जा रही है।

    इसमें 130 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें G20 सदस्यों के प्रतिनिधि, आमंत्रित देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन, उद्योग भागीदार, राज्य पर्यटन अधिकारी और स्थानीय टूर ऑपरेटर शामिल हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने उम्मीद जताई कि बैठक में हुई चर्चा से दुनिया भर के देशों को इस क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव से उभरने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, हमारे पास 7000 किलोमीटर की तटरेखा है। हिमालय का 70 प्रतिशत, लद्दाख में लगभग 700 किलोमीटर की नदियां,  रेत का रेगिस्तान और ठंडा रेगिस्तान… ये सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की साहसिक गतिविधियों के अवसर प्रदान करते हैं।

    पर्यटन आकर्षण का केंद्र चाय बागान
    केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, पश्चिम बंगाल में चाय बागानों में पर्यटन आकर्षण का केंद्र बनने की क्षमता है।  भारत के जी-20 समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने शनिवार को कहा कि पर्यटन प्रक्रिया में सामुदायिक भागीदारी इसके विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, उन्होंने कहा, स्थायी पर्यटन और स्थानीय समुदायों को शामिल करने के मुद्दे पर हमारे बीच काफी चर्चा हुई। श्रृंगला ने सुझाव दिया कि क्षेत्र में चाय बागानों में पर्यटन के आकर्षण का केंद्र बनने की क्षमता है और इसके विकास के लिए पर्यटन प्रक्रिया में सामुदायिक भागीदारी महत्वपूर्ण है। चाय उद्योग, स्थिरता प्रदान करता है क्योंकि चाय उद्योग के लिए जैव विविधता बहुत महत्वपूर्ण है और मुझे लगता है कि देश के इस हिस्से में संरक्षण महत्वपूर्ण है। सस्टेनेबल एडवेंचर टूरिज्म पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जहां यूके, मैक्सिको, कनाडा, जर्मनी, जापान, ब्राजील, एटीटीए (एडवेंचर ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन), एटीओएआई (एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) और विक-रन फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए। चर्चा में भारत की ओर से उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों ने यहां एक चाय बागान का भी दौरा किया और चांदनी चाय पत्ती तोड़ने और चाय का स्वाद भी चखा।

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