पुलिस के खौफ की कहानी बयां करते हुए छलके मनोज शर्मा के आंसू, बोला- पत्नी मर गई, अब कैसे पलेंगे बच्चे…

    जगनेर के गांव नौनी के मनोज शर्मा ने पुलिस के खौफ की कहानी को बयां किया। उसने बताया कि दो लाख वसूलने के लिए उसे थर्ड डिग्री दी गई। पत्नी के इतना डराया गया कि उसने अपनी जान ले ली।

    आगरा के जगनेर के गांव नौनी के रहने वाले मनोज शर्मा का दर्द है कि पुलिसवालों ने उन्हें अपनी कार से सरेंधी चौकी ले जाकर थर्ड डिग्री दी। आईपीएल पर सट्टा कराने की बात कबूल करने का दबाव बनाया। तीन साल के लिए जेल भेजने की धमकी देकर 2 लाख रुपयों की मांग की। तैयार नहीं होने पर दरोगा के इशारे पर सिपाही डंडे बरसाते रहे। वह गुहार लगाता रहा लेकिन सुनी नहीं गई।

    शुक्रवार को बातचीत में मनोज शर्मा ने बताया कि पुलिस के गुर्गे रवि पचौरी ने कॉल करके पत्नी अनीता को इतना डराया कि उसने अपनी जान दे दी। बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया। तहरीर को चार बार बदलवाकर पुलिसवालों के नाम हटवा दिए गए। अब न तो नामजद पकड़े जा रहे हैं और न ही पुलिसवाले।

     

    गिरफ्तारी और बर्खास्तगी हो

    मनोज का कहना है कि दरोगा और तीन सिपाहियों का निलंबन हुआ है। इससे क्या होता है। गिरफ्तारी और बर्खास्तगी होनी चाहिए। काकी परमार और रवि पचौरी नामजद और 4 अज्ञात हैं। अज्ञात आरोपी कोई और नहीं, पुलिस वाले ही हैं। फिर उनके नाम केस में शामिल क्यों नहीं हुए। पत्नी की मौत के लिए जितने जिम्मेदार रवि पचौरी और काकी परमार हैं, उतने ही जिम्मेदार पुलिसवाले भी हैं।

    गाड़ी में थे तीन पुलिसकर्मी, बाहर था रवि

    मनोज ने बताया कि उसे फोन करके रवि पचौरी ने बुलाया था। वह घर से छोटे बेटे के साथ बाइक से जंगल के रास्ते जा रहे थे। वहीं से सिलेटी रंग की स्विफ्ट डिजायर कार में बैठा लिया गया। तीन सिपाही थे। एक अन्य बिना वर्दी का था। रवि पचौरी बाहर खड़ा था। उसे कार से पुलिस चौकी ले जाकर थर्ड डिग्री देते हुए दबाव बनाया गया।

    पुलिस वालों के एजेंट हैं रवि और काकी
    मनोज और उनके परिजन का आरोप है कि काकी परमार और रवि पचौरी पुलिस के वसूली एजेंट हैं। पहले पुलिस वालों से लोगों को उठवाते हैं फिर उनके लिए वसूली करते हैं। रकम मिलने पर सभी की हिस्सेदारी होती है। जो रकम नहीं दे पाता, उस पर कार्रवाई हो जाती है।

    बेहाल हैं बेटे बिट्टू और अजय

    मनोज का 12 साल का बेटा बिट्टू है। वह कक्षा नौ का छात्र है, बड़ा बेटा अजय 17 साल का है। वह कक्षा 11 में है। मां की मौत से दोनों बेहाल हैं। गांव के लोग भी मनोज के परिवार के साथ हैं। मनोज अपने चाचा के साथ रहते हैं। लोगों का कहना था कि मनोज के खिलाफ कोई मुकदमा पहले से नहीं है। इसके बावजूद ऐसा किया गया। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, तभी न्याय मिलेगा। शुक्रवार को भी बड़ी संख्या में लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
    परिवार के सवाल
    – मनोज के खिलाफ कोई शिकायत नहीं, मुकदमा नहीं तो पुलिस ने क्यों पकड़ा?
    – सट्टा कराने का शक था तो गुर्गे से फोन कराकर क्यों बुलाया, पुलिस खुद क्यों नहीं मनोज के घर आई?
    – मनोज को सरेंधी चौकी पर क्यों रखा गया, थाने क्यों नहीं ले जाया गया?
    – पत्नी की मौत की जानकारी पर छोड़ दिया। सुपुर्दगी से पहले वीडियो बनाकर यह क्यों कहलवाया कि वो सट्टा खेलता है।
    – अगर, वसूली का खेल नहीं है तो काकी परमार और रवि पचौरी पुलिस के संपर्क में क्यों थे?
    – तहरीर बदलवा कर अपनी मर्जी से गुर्गों के नाम लिखवाए, चार आरोपी अज्ञात हैं, यह पुलिसकर्मी नहीं तो फिर कौन हैं?
    – पुलिसकर्मी अपनी कार लेकर आए थे। कार का नंबर भी उनके पास है, इसके बाद भी कार की पहचान क्यों नहीं हुई?

    डीसीपी से सीधी बात

    सवाल : जगनेर में महिला की आत्महत्या के मामले में क्या कार्रवाई हुई?

    जवाब : विवेचना की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
    सवाल : मुकदमे में दो नामजद और चार अज्ञात आरोपी हैं? अज्ञात आरोपियों का कुछ पता चला?
    जवाब : नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगी है। गिरफ्तारी होने के बाद अन्य आरोपियों के नाम का पता चलेगा।

    सवाल : पुलिसकर्मियों और नामजद आरोपियों के बीच क्या कोई बातचीत हुई थी?

    जवाब : पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की जांच हो रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
    (डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने दिए जवाब)

    NO COMMENTS

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Exit mobile version