‘एनडीए में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं’, गृह मंत्री शाह के साथ चर्चा के बाद पूर्व सीएम मांझी का बयान

    गुरुवार को बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दिल्ली में गृहमंत्री शाह के साथ हुई बैठक में जीतन राम मांझी के साथ एचवीएम के अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे। बैठक के बाद मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार में पीएम बनने की सभी विशेषताएं हैं।

    बिहार की राजनीति में उठापटक के बीच एक नया मोड़ आ गया है। गुरुवार को बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दिल्ली में गृह मंत्री शाह के साथ हुई बैठक में जीतन राम मांझी के साथ एचवीएम के अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे। बैठक के बाद मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार में पीएम बनने की सभी विशेषताएं हैं।

    कई मुद्दों पर की चर्चा

    गृह मंत्री से मिलने के कुछ देर पहले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा था कि कई सारे मुद्दे हैं, जिस बारे में हम चर्चा करेंगे। हालांकि, गृह मंत्री के साथ बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि एनडीए में शामिल होने का तो सवाल ही नहीं है। मैं नीतीश कुमार के साथ ही रहूंगा। नीतीश कुमार में वह सभी विशेषता है, जो एक प्रधानमंत्री में होना चाहिए। वह विपक्ष को एकजुट करने की ईमानदार कोशिश कर रहे हैं।

    एक दिन पहले नीतीश-तेजस्वी कांग्रेस आलाकमान से मिला

    जीतन राम मांझी की बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि क्योंकि एक दिन पहले बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने उनके दिल्ली स्थित निवास पहुंचे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस दौरान खरगे के साथ ही मौजूद रहे। सभी नेता विपक्षी एकता के मुद्दे को लेकर आपस में बैठक कर रहे थे। तेजस्वी के अलावा सभी नेताओं ने अपना-अपना पक्ष रखा। विपक्षी नेताओं ने एकजुट होने पर सहमति दी थी।

    गठबंधन को एकजुट करने का प्रयास: नीतीश 

    नीतीश कुमार ने कहा था कि गठबंधन को एकजुट करने का प्रयास किया गया है। हम सब साथ बैठेंगे और चीजों को तय किया गया है। हम लोगों की इस पर अंतिम तौर पर बात हो गई है। जितने लोग हमारे साथ सहमत होंगे, हम उनके साथ भी बात करेंगे। साथ में बैठने तो दीजिए, हम लोगों को।

     

     

    मौके पर राहुल गांधी ने कहा था कि जो नीतीश जी ने कहा कि विपक्ष को एक करने में बहुत एतिहासिक कदम लिया गया है। कितनी विपक्षी पार्टियों को इकट्ठा करना है। ये एक प्रक्रिया है। विपक्ष का जो भी नजरिया है, उसे हम विकसित करेंगे और जो भी पार्टियां विचारधारा की लड़ाई में साथ आना चाहती हैं उसको लेकर चलेंगे। जो संस्थानों पर आक्रमण हो रहा है, देश पर आक्रमण हो रहा है, उसके खिलाफ हम लड़ेंगे।

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