किशोरी ने की आत्महत्या, नोट में लिखा- परिवार को कहीं का नहीं छोड़ा, मानव तस्करी का भी हुई थी शिकार

    नालंदा के सिलाव थाना क्षेत्र में गुरुवार रात एक किशोरी ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। परिजनों का कहना है कि नाबालिग कई महीनों से परेशान (डिप्रेशन में) रह रही थी। इसी वजह से उसने फांसी लगा कर आत्महत्या की है। नाबालिग बीते साल मानव तस्करी का शिकार बनी थी। सूचना पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए देर रात सदर अस्पताल पहुंची।

    बिहार में नालंदा के सिलाव थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव में बीती रात एक किशोरी ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान गांव के ही निवासी इंद्रजीत कुमार की अंजली भारती (15) के रूप में हुई है। परिजनों का कहना है कि अंजलि कई महीनों से परेशान (अवसाद में) रह रही थी। इसी वजह से उसने फांसी लगा कर आत्महत्या की है। सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। वह शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए देर रात सदर अस्पताल पहुंची। लेकिन डॉक्टर की लापरवाही की वजह से शुक्रवार की सुबह से 10 बजे तक शव मोर्चरी रूम में पड़ा रहा। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के आठ घंटे बाद शव का पोस्टमार्टम हो सका।

    किशोरी अपने माता पिता के साथ पिछले पांच सालों से बिहारशरीफ में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई कर रही थी। पिछले साल अक्टूबर महीने में किशोरी लापता हो गई थी। उसकी मां ने उस घटना की शिकायत लहेरी थाना में की थी। उसके बाद पुलिस ने किशोरी को पूर्णिया से बरामद कर लिया था। किशोरी के कोर्ट में बयान के आधार पर दो लोगों पर मानव तस्करी का आरोप लगा। दोनों आरोपी घटना के बाद से फरार चल रहे थे। न्यायालय के आदेश पर लहेरी पुलिस ने थाना क्षेत्र के मंगला स्थान निवासी निशांत कुमार और राजू उर्फ श्रवण यादव के घर कुर्की की कार्रवाई करने पहुंची थी। इसके बाद कुर्की के पहले राजू उर्फ श्रवण यादव ने सरेंडर कर दिया था। जबकि निशांत कुमार के घर में पुलिस द्वारा कुर्की की गई थी।

    किशोरी के बरामद होने के बाद परिवार उसे अपने साथ लेकर गांव चला गया। तब से किशोरी मानसिक रूप से परेशान रह रही थी। गुरुवार की शाम उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया और फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली। किशोरी के पिता इंद्रजीत कुमार मुंगेर जिला में काम करते हैं। बेटी की आत्महत्या की सूचना पर वे गांव पहुंचे और शव को लेकर सदर अस्पताल आए। किशोरी दो भाइयों में सबसे बड़ी थी। इसी साल उसने मैट्रिक का इम्तिहान दिया था, जिसमें वह फर्स्ट डिवीजन से पास हुई थी।

    सिलाव थाना अध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। अप्राकृतिक मौत का मामला (यूडी केस) दर्ज कर पुलिस अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है।

    सुसाइड नोट के अंश
    पूज्य पिताजी
    सादर प्रणाम
    मैं अपना जीवन जीना नहीं चाहती हूं। सविनय निवेदन यह है कि गलती मैंने की है। वह माफी देने लायक नहीं है। फिर भी परिवार के सभी लोगों ने माफ कर दिया है। मैंने परिवार के साथ खिलवाड़ किया है। वह मेरे जीने लायक नहीं है। मेरा परिवार हर खुशी देता है। जो मांगा सब कुछ मिला। फिर भी मेरे मम्मी-पापा, चाचा-चाची और पूरे परिवार को अपनी की गई गलती की वजह से कहीं सिर उठा कर जीने लायक नहीं छोड़ा। फिर भी परिवार हमें फूल की तरह मानता है। मैं अपनी की गई गलती के कारण पूरे परिवार को उदास देख कर जीना नहीं पसंद करती हूं। परिवार मुझे खुशी देता रहा फिर भी मैं उनके साथ हमेशा धोखा करती रही। मैंने जो गलती की है, वह माफी मांगने लायक नहीं है। इसलिए मैं (अंजली भारती) अपनी इच्छा पूर्वक अपना जीवन त्याग रही हूं। इसमें मेरे परिवार का कोई व्यक्ति दोषी नहीं है। मैं अपनी मर्जी से अपनी जीवन लीला समाप्त करती हूं। हो सके तो पापा हमें माफ कर दीजिएगा।
    आपकी प्यारी बेटी
    अंजली भारती

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