14 मौतों के दर्द से कराह रहा सुनौरा अजमतपुर… हर तरफ सुनाई दे रहीं सिसकियां

    सुनौरा अजमतपुर गांव में रविवार को 13 शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जब मृतकों की अर्थियां उठीं तो गांव में चीत्कार मच गई। शनिवार दोपहर को हुए दर्दनाक हादसे के बाद रोते-रोते लोगों के आंसू सूख गए। आसपास के गांवों के लोग भी सकते में हैं।

    शाहजहांपुर में लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर बंथरा से करीब 15 किलोमीटर दूर बसे सुनौरा अजमतपुर गांव में रविवार को मातम छाया रहा। ट्रैक्टर ट्रॉली के गर्रा नदी में गिरने के बाद एक परिवार के तीन सदस्य समेत 14 लोगों की मौत के बाद गांव में चीख-पुकार मची है। कांपते हाथों से बच्चों को दफनाया गया। एक साथ कई चिताएं जलीं तो लोग दहाड़े मारकर रो उठे। कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना समेत कई जनप्रतिनिधियों ने गांव में पहुंचकर मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया। डीएम और एसपी भी गांव पहुंचे।

    शनिवार को ट्रैक्टर ट्रॉली गर्रा नदी के पुल से नीचे गिरने के खबर गांव पहुंची हर कोई अवाक रह गया। सभी के जहन में अनहोनी की आशंका घर कर गई थी। जब हादसे में 13 लोगों की मौत होने की जानकारी हुई तो सभी की आंखें छलक आईं। क्योंकि गांव वालों ने इससे पहले कभी इतनी बुरी खबर नहीं सुनी थी। एक घायल ने रविवार शाम को दम तोड़ दिया।

     

    एक दिन में 13 शवों का हुआ अंतिम संस्कार 

    शनिवार रात में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस सुरक्षा में एंबुलेंस से शवों के गांव पहुंचने का सिलसिला शुरू हुई तो सायरन की आवाज सुनकर गांव वाले घरों से बाहर निकल आए। रात भर गांव में एंबुलेंस के सायरन की आवाज गूंजती रही। एक-एक कर 13 शव पहुंचे तो पूरे गांव में चीखपुकार मच गई। रात भर घरों से दहाड़े मारने रोने की आवाज आती रही। इतने बड़े हादसे से टूट चुके ग्रामीणों की आंखों से नींद उड़ गई।

     

     

    सुबह होते ही पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। एसपी के निर्देश पर कांट, तिलहर, मीरानपुर कटरा, गढि़या रंगीन समेत कई थानों की पुलिस फोर्स पहुंच गई। पुलिस फोर्स की मौजूदगी में सभी के अंतिम संस्कार किए गए।

    कब्रें खोदने के लिए बुलानी पड़ी जेसीबी

    मरने वालों में अधिकतर किशोर-किशोरियां ही थे। ऐसे में कब्रों को खोदने के लिए जेसीबी बुलाई गई। गांव में आम के बाग के पास कुछ शवों को जेसीबी से कब्र खोदकर दफन किया गया। वहीं पर दो चिताएं भी बनाईं गईं। इसके अलावा गांव में मोक्षधाम के पास शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

    अर्थियां उठीं तो परिजनों की चीखों से दहले कलेजे

    अर्थियां उठीं तो परिजनों की चीखों ने सबके कलेजे दहला दिए। सांत्वना देने आए ग्रामीण भी रो पड़े। मासूम बच्चों के शव देखकर कलेजा मुंह को आ रहा था। न किसी को कोई समझा पा रहा था और न कोई कुछ समझने को तैयार था। शव पर पछाड़े खा रहीं महिलाएं कई बार बेहोश हो गई तो उन्हें पानी का छींटा मारकर होश में लाया गया। ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी भी भावुक हो गए।

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