Nuh में तनाव के बीच CM ने की समीक्षा बैठक, बोले- साजिश के तहत यात्रा को किया भंग, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

    नूंह में चल रहे तनाव के बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने अपने आवास पर बैठक बुलाई। बैठक में प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज और कई बड़े अधिकारी मौजूद हैं। बैठक के बाद सीएम मनोहर लाल ने कहा कि यात्रा को भंग करना एक साजिश है जो भी दोषी हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा मृतकों के स्वजनों की हर संभव मदद की जाएगी।

    हरियाणा के नूंह में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा और बवाल के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसे लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने आवास पर आज एक समीक्षा बैठक रखी, जिसमें प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज और मुख्य सचिव संजीव कौशल के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

    सीएम मनोहर लाल ने बैठक के बाद कहा कि नूंह में जो भी घटना हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना का पता लगते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मौके पर भेजा गया। उन्होंने आगे कहा कि यह एक सामाजिक यात्रा है जो कि हर साल निकाली जाती है। इसपर कुछ लोगों ने आक्रमण किया, यहां तक कि पुलिस को भी निशाना बनाया गया।

    सोची समझी साजिश का नतीजा है हिंसा: सीएम मनोहर

    सीएम मनोहर ने इस पूरी घटना को सोची समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत यात्रा को भंग किया गया, गाड़ियों को आग लगाई गई। हालांकि, नूंह सहित सभी जगहों पर स्थिति अब सामान्य है। कुल 70 लोगों को हिरासत में लिया गया है। नूंह जिले और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस तैनात की गई है। नूंह में कर्फ्यू भी लगाया गया है और कुछ जगहों पर धारा 144 भी लगाई गई है। करीब 44 एफआईआर दर्ज की गई हैं।

    मृतकों को हर संभव मदद देगी राज्य सरकार

    उन्होंने कहा कि अबतक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें दो पुलिस कर्मचारी जबकि तीन आम लोगों की मौत की सूचना है। हम उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेंगे। वहीं, नूंह से बाहर के लोग जो इस घटना में शामिल थे उनकी पहचान की जा रही है। सीएम ने कहा कि किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही सभी नागरिकों से अपील है कि शांति बहाली के लिए आगे आएं।

    बता दें कि नूंह में विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा के बीच से ही हिंसा का माहौल बना हुआ है, जिसके बाद हरियाणा के कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। हालात पर काबू पाने के लिए पूरे क्षेत्र में पैरामिलिट्री की करीब 13 कंपनियां तैनात की गई हैं।

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