रैपिडेक्स स्टेशन पर दिखेंगे अपराधी तो कंट्रोल रूम को सूचना देंगे कैमरे, आधुनिक तकनीक बनेगी मददगार

    दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिडएक्स कॉरिडोर में सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। सीबीआई, आईबी जैसी बड़ी सुरक्षा एजेंसियों की ओर से घोषित अपराधियों के रैपिडएक्स के स्टेशन परिसर में या ट्रेन में आते ही यहां लगे सीसीटीवी कैमरे सुरक्षाकर्मियों को संदेश भेज देंगे।

    यह फेस डिटेक्शन करने वाले कैमरे और इनका सुरक्षा सिस्टम फुटेज में दिखने वाले अपराधी को लाल घेरे में चिह्नित कर उसकी फोटो भी कंट्रोल रूम पर भेज देगा। इस आधुनिक तकनीक के जरिए यात्रियों का सफर सुरक्षित हो जाने के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों को अपराधियों तक पहुंचने में भी मदद मिलेगी।

    एनसीआरटीसी (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि सभी स्टेशनों के अलावा रैपिडेक्स ट्रेनों के प्रत्येक कोच में चार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनके जरिए हर कोच में निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से ऐसा सुरक्षा सिस्टम विकसित किया गया है, जिसे भेदना आसान नहीं होगा।

    उन्होंने बताया कि रैपिडएक्स कॉरिडोर में इस्तेमाल किए जाने वाले सुरक्षा सिस्टम में सीबीआई, इंटेलीजेंस ब्यूरो समेत अन्य बड़ी सुरक्षा एजेंसियों की ओर से घोषित किए गए अपराधियों और वांछितों का डाटा इस सिस्टम में फोटो के साथ अपलोड कर दिया जाएगा।

    इसके बाद अगर इन अपराधियों या वांछितों में से कोई रैपिडेक्स ट्रेनों में सफर करेगा या स्टेशन पर आएगा तो यह सुरक्षा सिस्टम अलार्म के साथ कंट्रोल रूम को मैसेज भेज देगा। यह उस वांछित व्यक्ति की लोकेशन और फोटो भी भेजेगा। इसके जरिए स्टेशन पर तैनात सुरक्षाकर्मी संबंधित व्यक्ति को ट्रेस कर पकड़ सकेंगे।

    सितंबर में शुरू हो सकता है रैपिडएक्स का संचालन
    दिल्ली से मेरठ तक 82 किलोमीटर लंबे रैपिडएक्स कॉरिडोर का साहिबाबाद से दुहाई डिपो स्टेशन तक का 17 किलोमीटर का प्राथमिक खंड बनकर तैयार हो चुका है और जल्द ही इस पर यात्रियों के लिए ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इस खंड के सभी पांच स्टेशन बनकर तैयार हो चुके हैं। सितंबर माह में प्रधानमंत्री इस रूट पर ट्रेनों को हरी झंडी दिखा सकते हैं। उद्घाटन के बाद यात्रियों के लिए इनका नियमित संचालन शुरू हो जाएगा।

    सुरक्षा कर्मियों को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण 
    उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद और मेरठ के सभी स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) को सौंपी है और पांच स्टेशनों पर सुरक्षा बल की तैनाती की जा चुकी है। रैपिडेक्स ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात किए जाने वाले इन सुरक्षा बल के सदस्यों को विभिन्न सुरक्षा उपकरणों के इस्तेमाल और आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए विभिन्न एक्सपर्ट्स की मदद से विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनके अलावा क्विक रिएक्शन टीम, बम डिटेक्शन एंड डिस्पोसल स्क्वाॅड और डॉग स्क्वॉड की भी तैनाती की जाएगी।

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