पूर्व सीजेआई एनवी रमना ने जनगणना में जातिगत जनगणना की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जरूरी कदम है, हालांकि इसमें बहुत देरी हुई है. जाति और जाति आधारित भेदभाव हमारे समाज की एक कठोर वास्तविकता है. अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर काम करें. जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के भारत सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने बयान दिया है. पूर्व सीजेआई ने कहा कि जाति गणना को ध्यान में रखते हुए अगली जनगणना कराने का निर्णय एक बहुत ज़रूरी कदम है, हालांकि इसमें काफ़ी देरी हुई है. जाति और जाति-आधारित भेदभाव हमारे समाज की एक कठोर सच्चाई है. बहुत लंबे समय तक हम इसे नकारते रहें. अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर काम करें. जाति को पहचान के रूप में लेकर जनगणना करने का निर्णय सही दिशा में उठाया गया सही कदम है.