जबलपुर की कॉलोनी की गलियों में श्रद्धा और इशिता की दोस्ती के किस्से सबने सुने थे. दोनों का हंसता खेलता बचपन एक साथ बड़े मजे से गुजरा. मोहल्ले के मेलों में झूले पर साथ बैठना, चाट के ठेले पर एक ही प्लेट में खाना, शाम को गली में घंटों बतियाना — ये सब दो सहेलियों के बीच के वो खूबसूरत पल है, जिन्हें वो अपने जेहन में हमेशा सहेजकर रखती है. कभी वो साथ बाजार जाती थीं, एक ही प्लेट में चाट खाती थीं, घंटों हंस-हंसकर बातें करती थीं. जिस जगह उनकी दोस्ती की मिसाल दी जाती है उसी जबलपुर की गलियों में अब वही लोग हैरान हैं कि कैसे एक लड़की अपनी पक्की सहेली की जिंदगी बर्बाद कर सकती है.आखिर कैसे इशिता, जो कभी श्रद्धा की हर खुशी में शामिल रहती थी, उसी ने अपनी बचपन की दोस्त पर तेजाब उड़ेल दिया, और उसकी हंसती-खिलखिलाती जिंदगी को तड़प में बदल दिया. अवधपुरी कॉलोनी की 22 साल की श्रद्धा दास पर उसकी घनिष्ठ सहेली इशिता साहू ने तेजाब फेंककर न सिर्फ उसका चेहरा झुलसा दिया, बल्कि दोस्ती के रिश्तों की यादों को भी राख कर दिया. जो लड़की कभी श्रद्धा की आंखों में सपने देखती थी, वही आज उसकी आंखों में जलन और तमाउम्र का दर्द छोड़ गई. वजह? एक पुरानी रंजिश, शक, ईर्ष्या और शायद वो जहर जो धीरे-धीरे दोस्ती के भीतर पनप रहा था।