किसी भी जिले में घटना होती है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह वहां के इंटेलिजेंस, पुलिस और प्रशासन का फेलियर है? यह मेरा फेलियर नहीं है. ये एजेंसियों का फेलियर है. हिंसा में किसका नुकसान हुआ है, यह जानना जरूरी है. हिंसा में कौन फंसे हैं, यह भी समझना जरूरी है. पहले दिन लोगों ने चला दिया कि भीम आर्मी के लोगों ने या फिर आजाद समाज पार्टी के लोगों ने हिंसा कर दी. आरोप जो आगे बढ़ेगा, उसी पर लगता है. जो चमक रहा है, उसी पर आरोप लगाते हैं. जो धूल में पड़ा हुआ है, उस पर थोड़े ना आरोप लगते हैं. आजाद समाज पार्टी संघर्ष कर रही है. जब से वह बनी है, तब से उसके ऊपर आरोप लग रहे हैं. 2014 से 2025 आ गया है. हम लोग आप से नहीं डरते हैं. जब कमजोर अपनी हक की लड़ाई लड़ता है तो उसे पर आरोप लगते ही हैं. जब कोई उनकी कोई आवाज बनता है, तो उसे दबाने के लिए तमाम तरह के षड्यंत्र होते हैं और वही हो रहा है. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि पूरा प्रदेश हमारा है. देश में हमारे ही लोग तो हैं. हम भारतीय है ना. सरकारी संपत्ति हमारी है, तो हम अपनी संपत्ति को क्यों नुकसान पहुंचाएंगे? हमारे लोग बेवकूफ थोड़े ना हैं. पढ़े-लिखे लोग हैं. वह अपने हाथों को क्यों तोड़ेंगे? टांग को क्यों तोड़ेंगे? हम संविधान को मानने वाले लोग हैं. हम खुद को गोली क्यों मारेंगे? यह एक षड्यंत्र है. मैं कह रहा हूं इसकी सीबीआई जांच हो. इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. निष्पक्षता आ जाएगी. पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है.