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आशिक अल्लाह दरगाह, और बाबा फ़रीद की चिल्लागाह दरगाह के आसपास ऐतिहासिक संरचना गिराने पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को महरौली के संजय वन इलाके में स्थित आशिक अल्लाह दरगाह, और बाबा फ़रीद की चिल्लागाह दरगाह के आसपास की 12वीं सदी की बनी ऐतिहासिक सरंचना को गिराए जाने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की आड़ में किसी भी तरह के अवैध निर्माण को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए. इन स्मारकों को प्राचीन स्मारक माना जाता है, लेकिन ASI के अंतर्गत यह संरक्षित स्मारक नहीं हैं. हालांकि ASI के मुताबिक ये दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित 12वीं सदी का स्मारक हैं.सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि DDA,ASI की निगरानी में ही किसी भी अनधिकृत संरचना को हटा सकता है. ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि ऐतिहासिक संरचनाओं का संरक्षण किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ASI इन सरंचना की निगरानी, मरम्मत और रखरखाव की निगरानी करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने महरौली क्षेत्र में सूफी संत की दरगाह सहित धार्मिक ढांचों को गिराने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की.इसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की कार्रवाई को चुनौती दी गई है

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