सोशल मीडिया, आज शायद वह जरिया है जो पूरी दुनिया को समेटकर एक मुट्ठी में ले आता है. लेकिन यही अब नेपाल में बवाल की वजह बन गया है. राजधानी काठमांडू में जेन-जी ग्रुप ने पिछले दिनों आए सरकार के एक आदेश के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. काठमांडू की यह आग देश के दूसरे हिस्सों तक फैल गई है. फेसबुक और इंस्टाग्राम के अलावा देश में टिकटॉक, वाइबर, विटक, निंबज और पोपो लाइव का प्रयोग युवा करते हैं. सरकार ने जहां कहा है कि ये कंपनियां नियम के तहत काम नहीं कर रही हैं तो वहीं युवाओं को इस बात से कोई सरोकार नहीं है. उनकी मांग बस बैन को वापस लेने की है. यह गुस्सा कितना जायज और कितना नहीं इससे अलग यह सवाल भी उठता है कि आखिर सोशल मीडिया नेपाल के यंगस्टर्स की लाइफ किस हद तक घुस गया है कि बैन लगते ही वो इस कदर प्रदर्शन पर अमादा हो गए जिसने 19 लोगों की जान ले लीब्लैकआउट से ठप बिजनेस देश के कम्युनिकेशन मिनिस्टर पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने गुरुवार को आए बैन के निर्देश पर कहा कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म्स ने कई तरह के मौके युवाओं को मुहैया कराए हैं. लेकिन जब सेाशल मीडिया ऐसा करने में असफल हो गया तो फिर एक्शन लेना पड़ा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया के बैन ने शिक्षा से लेकर टूरिज्म, रिक्रूटमेंट, और बिजनेस को ठप कर दिया. मैसेजिंग सर्विसेज बंद हो गईं. फ्रीलांसर्स कस्टमर्स तक पहुंच ही नहीं पाए.