नेपाल में Gen Z का शुरू किया गया आंदोलन अब महज कोई विरोध नहीं, बल्कि सत्ता परिवर्तन की दहलीज पर जा खड़ा हुआ है. आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है, लाखों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. Gen Z का ये विरोध केवल नारों और रैलियों तक सीमित नहीं रहा, संसद भवन, राष्ट्रपति आवास और पीएम आवास जैसे महत्वपूर्ण सरकारी ठिकानों पर प्रदर्शनकारियों ने हमला बोला और उनमें आगजनी कर दी. गंभीर हालात को देखते हुए नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनकी पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देना पड़ा. अब जब नेपाल में राजनीतिक संकट गहरा चुका है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अब नेपाल में कमान कौन संभालेगा. इस प्रदर्शन के दौरान ने तीन ऐसे चेहरों को सामने ला दिया है, जिन्हें देश की अंतरिम सरकार के संभावित नेतृत्वकर्ता माना जा रहा है. पूर्व टीवी होस्ट और डिप्टी पीएम रवि लामिछाने, रैपर से मेयर बने बालेन शाह, और सामाजिक कार्यकर्ता सुदन गुरुंग, जिन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलन की चिंगारी भड़काई.इस बीच नेपाल की जनता काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देखने लगी है. सोशल मीडिया पर अपने पद से इस्तीफा देने और एक नई राजनीतिक पार्टी बनाकर राष्ट्रीय नेतृत्व संभालने की बालेंद्र शाह से गुजारिश की जा रही है. आखिर नेपाल की राजनीति में जारी संकट उथल-पुथल के बीच अचानक बालेंद्र शाह का नाम सामने क्यों आया और जेन-जी उन्हें इतना सपोर्ट क्यों कर रही है, आइए अब ये जान लेते हैं. बालेंद्र शाह को नेपाल में बालेन नाम से भी जाना जाता है. 27 अप्रैल 1990 को काठमांडू के नरदेवी में एक मैथिल मूल के मधेसी परिवार में जन्मे बालेंद्र शाह एक नेपाली रैपर, सिविल इंजीनियर और काठमांडू के 15वें मेयर हैं. 2022 में वह तब चर्चा में आए थे, क्योंकि काठमांडू में एक निर्दलीय उम्मीदवार पहली बार मेयर बना था. 2023 में टाइम मैगजीन ने उन्हें टॉप-100 उभरते नेताओं की सूची में शामिल किया था. न्यूयॉर्क टाइम्स भी उनके काम की तारीफ कर चुका है