देशभर में वायु प्रदूषण का संकट तेज़ी से बढ़ता जा रहा है. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (Centre for Research on Energy and Clean Air (CREA) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में आगाह किया है कि ‘अच्छी’ (0-30 µg/m³) वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या सितम्बर में 179 थी जो अक्टूबर में घटकर सिर्फ 68 रह गई. CREA की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा का धारुहेड़ा (Dharuhera) अक्टूबर 2025 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 123 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया. यह स्तर 77% दिनों में राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) से अधिक था. धारुहेड़ा (Dharuhera) ने इस महीने में दो ‘गंभीर’ और नौ ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता वाले दिन दर्ज किए.CREA ने मंगलवार को अक्टूबर 2025 के अपना मासिक वायु गुणवत्ता विश्लेषण रिपोर्ट जारी किया, जो देशभर के गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (CAAQMS) के आंकड़ों पर आधारित है. CREA के विश्लेषक मनोज कुमार ने रिपोर्ट पर टिपण्णी करते हुए कहा, “सर्दियों और त्योहारों के दौरान प्रदूषण की समस्या पैदा नहीं होती, बल्कि वही मौजूदा प्रदूषण स्तर को उजागर कर देती है. मौसमी बढ़ोतरी महज़ उस सालभर बने रहने वाले प्रदूषण को और गंभीर बनाती है, जो पहले से ही खतरनाक स्तर पर है. अगर हम क्षेत्रवार उत्सर्जन में कटौती और स्पष्ट जवाबदेही तय करें, तो यह स्थिति काफी हद तक टाली जा सकती है. लेकिन हमारी लेकिन हमारी नीतिगत प्रतिक्रियाएंं अब भी मौसमी और तात्कालिक हैं, जो मलू कारणों को नहीं संबोधित करतीं.”
