बिहार चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो रहा है.रविवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के प्रवक्ता पवन वर्मा ने आरोप लगाया कि विश्व बैंक से मिले फंड का केंद्र सरकार ने बिहार विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल किया है. पवन वर्मा ने दावा किया है कि चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार सरकार ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत 1.25 करोड़ महिलाओं के खातों में ₹10,000 ट्रांसफर किए. उनका आरोप है कि यह राशि ₹21,000 करोड़ के उस फंड से ली गई थी जो विश्व बैंक ने किसी अन्य परियोजना के लिए दिया था. दरअसल, 26 सितम्बर, 2025 को लांच की गयी ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ बिहार सरकार की एक नयी योजना है, जो राज्य में महिला सशक्तिकरण को मज़बूत करने के लिए महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए लांच की गयी है.नीतीश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने 02 सितम्बर, 2025 को एक रिलीज़ जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना” हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 में ग्रामीण विकास विभाग की मांग संख्या 42 के अन्तर्गत बिहार आकस्मिता निधि की अधिसीमा में वृद्धि होने की स्थिति में 20,000 करोड़ रुपये की राशि की अधिसीमा तक बिहार आकस्मिता निधि से अग्रिम एवं वित्त विभाग द्वारा आवश्यकता अनुसार राशि जारी करने की स्वीकृति दी गयी है”.
