फर्जी जमीन रिकॉर्ड घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 15 जगहों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी ईडी की चेन्नई जोनल यूनिट ने 19 नवंबर 2025 को चेन्नई, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू में की. ये कार्रवाई जमीन रिकॉर्ड का फर्जीवाड़ा कर मुआवजा हड़पने के बड़े घोटाले की जांच से जुड़ी है. यह घोटाला NHAI और SIPCOT द्वारा की गई जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया से संबंधित है.ED ने यह जांच 2021 और 2022 में दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी. FIR में आरोप था कि VGP ग्रुप ने साल 1991 में सड़क और पार्क जैसे सार्वजनिक उपयोग के लिए जमीन दी थी. बाद में इस जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए दोबारा हासिल कर लिया गया. फिर इसे निजी लोगों को बेच दिया गया. यह ठीक उससे पहले हुआ जब NHAI और SIPCOT इसे अधिग्रहित करने वाले थे.सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोपमद्रास हाई कोर्ट ने भी इस मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि कई लोगों ने नकली मालिकाना हक दिखाकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया. ईडी की तहकीकात में सामने आया कि फर्जी दस्तावेजों से सार्वजनिक संस्थाओं के नाम रजिस्टर्ड डीड्स को पहले रद्द किया गया. इसके बाद जमीन को अपने लोगों या डमी खरीदारों को बेच दिया गया.रजिस्ट्री में जमीन की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई ताकि मुआवजा ज्यादा मिले.
