महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले मराठवाड़ा में किसानों की आत्महत्याओं का दुखद सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में किसानों की आत्महत्या के मामले चौंका रहे हैं. इस इलाके में हर दिन तीन किसान मौत को लगे लगा रहे हैं. बीते 10 महीनों में यहां 899 किसानों ने अपनी जान दी है. आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, जनवरी से अक्टूबर 2025 तक—इन 10 महीनों में 899 किसानों ने अपनी जान दी है. जिसका अर्थ है कि औसतन हर दिन तीन किसान मौत को गले लगा रहे हैं.किसे जिले में कितने खुदकुशीजिलेवार आंकड़ों में सबसे ज़्यादा 200 आत्महत्याएँ बीड में दर्ज हुई हैं. इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर में 179, नांदेड़ में 145 और धाराशिव में 115 मामले सामने आए हैं. परभणी में 90, लातूर में 67, जालना में 58 और हिंगोली में 53 किसानों ने आत्महत्या की है. मासिक रूप से, मार्च, जुलाई और अक्टूबर सबसे घातक महीने रहे. जिनमें क्रमशः 110, 109 और 109 आत्महत्याएँ हुईं. जबकि जनवरी (88), अप्रैल (88), मई (78), जून (85), अगस्त (76) और फरवरी (75) में भी लगातार मौतें दर्ज की गईं.
