कश्मीर में मासूमों को आतंकियों की गोली का शिकार नहीं होने देगी सरकार, बनाया मास्टरप्लान

    कश्मीर घाटी में पिछले कुछ समय से आतंकी हमले बढ़ने से यहां लोगों के साथ-साथ कर्मचारियों में भी डर का माहौल है। एक तरफ केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार विस्थापितों को बसाने की बात कर रही है, लेकिन आतंक की नई लहर के चलते दोबारा पलायन शुरू हो गया है। हालांकि जम्मू कश्मीर प्रशासन लोगों को लगातार ये आश्वासन दे रहा है कि पलायन की नौबत नहीं आएगी। इसी बीच प्रशासन ने प्रवासी कर्मचारियों को दूर-दराज और संवेदनशील क्षेत्रों के बजाय सुरक्षित क्षेत्रों में पोस्ट करने का निर्णय लिया है।

    दरअसल, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई कुछ घटनाओं के बाद शिक्षकों समेत अन्य सरकारी कर्मचारी दहशत में हैं। इनमें से कुछ ने तो घाटी से बाहर ट्रांसफर की मांग की है। इसके अलावा कई तो सुरक्षा की बढ़ती चिंताओं की वजह से काम पर ही नहीं आ रहे हैं। इसी को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। प्रवासी कर्मचारियों द्वारा दूर-दराज के इलाकों में अपनी पोस्टिंग पर आशंका दिखाने के बाद प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया गया है।

    जानकारी के मुताबिक, करीब तीन हजार प्रवासी कर्मचारी कश्मीर में कई जिलों में विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं और उनमें से अधिकांश सरकार द्वारा प्रदान किए गए आवास में रहते हैं, इन आवासों की सुरक्षा पुलिस कर रही है। लेकिन पिछले दिनों पांच नागरिकों विशेषकर दो सरकारी शिक्षकों की हत्या के बाद कश्मीर में काम करने वाले कई प्रवासी कर्मचारी जम्मू के लिए रवाना हो गए।

    जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता ने कश्मीर के संभागीय आयुक्त, पुंडुरंग पोल के हवाले से बुधवार रात को एक बयान में बताया कि उनके निर्देश पर उपायुक्त और एसएसपी नियमित रूप से प्रवासी कॉलोनियों, आवासों का दौरा कर रहे हैं। उन्हें सुरक्षा, विश्वास निर्माण उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि उनकी सुरक्षा और सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा सुविधाएं और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

    यह भी बताया गया कि अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि इन प्रवासी कर्मचारियों को फिलहाल दूर-दराज और संवेदनशील क्षेत्रों के बजाय सुरक्षित और सुरक्षित क्षेत्रों में पोस्ट किया जाए। बता दें कि पिछले हफ्ते आतंकियों द्वारा एक सिख स्कूल प्रिंसिपल और कश्मीरी हिंदू शिक्षक की मौत के बाद कर्मचारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

    NO COMMENTS

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Exit mobile version